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भोपाल।नेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्टस का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 25 अगस्त को रवींद्र भवन, भोपाल में संपंन हुआ। 'पत्रकारिता में राष्ट्रबोध और स्वातंत्रय वीर सावरकर' विषय पर केंद्रित अधिवेशन में पत्रकारिता में राष्ट्रबोध के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पत्रकारिता के उच्चतम मापदंडों और आज की पत्रकारिता पर तुलनात्मक चर्चा हुई। वक्ताओं में यह चिंता देखी गई कि पत्रकारिता आज व्यवसायिकता की होड़ में अपने आदर्श और सिद्धांत को खोती जा रही है।
अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में मध्यप्रदेश के जनसंपर्क एवं संस्कृति मंत्री, लक्ष्मीकांत शर्मा ने सरकार और पत्रकार जगत के अंर्तसंबंधों पर प्रकाश डाला और अधिवेशन में चर्चा के लिए विषय के चयन की प्रशंसा की। उन्होंने पत्रकारिता के महत्व को स्वीकार करने और विकास की रीति-नीति तय करते समय पत्रकार जगत के सुझावों को महत्व देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि स्वातंत्रय वीर सावरकर के बलिदान के माध्यम से पत्रकारिता में राष्ट्रबोध की अलख जगाने की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिवेशन में पत्रकार जगत की समस्याओं पर चिंतन-मनन के बाद जो एक निष्कर्ष पत्र बनेगा उस पर मुख्यमंत्री से विचार विमर्श कर अनुकूल निर्णय लिया जाएगा।
नेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्टस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशंकर अवस्थी ने कहा कि व्यवसायिकता की आंधी में गुम होते राष्ट्रबोध को पत्रकार ही बचा पाएंगे। उन्होंने सत्ता का साथ पाने के लिए लालायित पत्रकारों को आडे हाथों लेते हुए यह स्पष्ट किया कि 'प्रेस नोट' के सहारे पत्रकारिता लंबे समय तक नहीं चल सकती है। उद्घाटन सत्र में ही वरिष्ठ पत्रकार और मध्यप्रदेश राष्ट्रीय एकता समिति के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा ने आजादी की लडाई में स्वातंत्रय वीर दामोदर विनायक सावरकर के अवदान का पुण्य स्मरण किया। अधिवेशन सत्र की अध्यक्षता, नई दुनिया, भोपाल के संपादक ओमप्रकाश मेहता ने की और मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष शिव चौबे इस सत्र में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। यूनियन के अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने स्वागत भाषण पढ़ा और महासचिव महेंद्र सिंह पंवार ने संगठन की भावी रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ शशि तिवारी ने किया और अतिथियों के प्रति आभार आदित्य नारायण उपाध्याय ने व्यक्त किया।
राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे सत्र में सुदूर अंचल से आए पत्रकारों ने अपनी बातें कहीं। मध्यप्रदेश गौपालन बोर्ड के अध्यक्ष शिव चौबे और रमेश शर्मा इस सत्र में विशेष अतिथि थे। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार राधावल्लभ शारदा ने की और संचालन सलिल मालवीय ने किया। पत्रकारों ने आंचलिक स्तर पर कार्य करने वाले पत्रकारों की समाचार संकलन में आने वाले दिक्कतों, विभिन्न बाहुबलियों के खिलाफ खबरें छापने पर आशंकित खतरों, पत्रकारों को पुलिस से प्रताड़ना और अधिमान्यता के बारे मे भी विस्तृत चर्चा की। अधिवेशन में छोटे एवं मध्यम समाचार पत्रों और उनके मालिकों, संपादकों एवं पत्रकारों के आर्थिक संरक्षण और तदनुरूप विज्ञापन नीति की भी चर्चा की।
अधिवेशन में आरआर गोस्वामी अहमदाबाद, प्रेम शंकर अवस्थी एवं निर्मल यादव फतेहपुर, विनोद कुमार पांचाल एवं शाम कामरा पानीपत, सर्वलीलाधर शर्मा फाजिल्का, योगराज भाटिया भिलाई, शिवकुमार शर्मा नई दिल्ली, निशांतभाई नागपुर, देवेंद्र शर्मा मैनपुरी, राज गोस्वामी एवं महेश कुमार तिवारी बिलासपुर, अनिल ध्यानी कटहेडा,फाजिल्का, एम कृष्ण कुमार हैदराबाद, अशोक चुघ समालखा,पानीपत, कुमारी भावना बिस्ट होशंगाबाद, एस बाबू और आर बाबू एएस एगाबंरम, के रधिनबेवल, हरिराम चौरसिया, राजेशकुमार, अनुपमादास, एमएम उपाध्याय, अमिताभ मिश्रा, अशोक नेहरू, अरूण जैन, महेंद्र पंवार, सलिल मालवीय, अरूण वंछोर, डॉ शशि तिवारी, गुरूशरण शर्मा, राम मेहरा, पवन शर्मा, आईआर कनन, सुरेंद्र साहू, कृष्ण कुमार एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न अंचलों से पत्रकार आए थे।