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नई दिल्ली। भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण ने वर्णक्रमीय मानचित्रण शुरू कर दिया है और हेलीकॉप्टर पर आधारित हेलीबॉर्न भूभौतिकीय सर्वेक्षण का काम भी जल्द ही शुरु कर लिया जाएगा। खान सचिव एस विजय कुमार ने केंद्रीय भूवैज्ञानिक योजना परिषद बोर्ड की बैठक और प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि खनिजों और धातुओं के लिए बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदर्शनी का विषय 'भूभौतिकीय सर्वेक्षण' उल्लेखनीय हो गया है, खनिज भंडार तेजी से समाप्त हो रहे हैं, सतह और सतह के पास की ढूंढे गये भंडार खत्म होने के कगार पर हैं, इसलिए भूवैज्ञानिकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अधिक से अधिक गहराई से नए भंडारों का पता लगाएं जो मांग के अनुरूप आपूर्ति में सक्षम हों।
सीजीपीबी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण 2010-12 के दौरान किए गए कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। खान मंत्रालय ने 2009 में सीजीपीबी को 12 विषय आधारित समूहों में पुनर्गठित किया था। इस पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य राज्यों और अन्य हितधारकों को जीएसआई के साथ व्यापक बातचीत और भागीदारी के माध्यम से लाभ अर्जित करने के सक्षम बनाना और कार्य के दोहराव से बचना था। खान सचिव ने बताया कि जीएसआई प्रशिक्षण संस्थान को उत्कृष्टता के एक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए खान मंत्रालय और जीएसआई कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसआई प्रशिक्षण संस्थान ने दस राज्यों में अपने फील्ड प्रशिक्षण केंद्र (एफटीसी) और क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान (आरटीआई) के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। केवल यही नहीं, इसने राज्यों के भूविज्ञान और खनन विभागों, विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी संगठनों और पड़ोसी दक्षेस और कुछ अफ्रीकी देशों के भूवैज्ञानिकों के प्रशिक्षण और उनकी संबद्ध जरूरतों को पूरा करने का काम शुरु कर दिया है।