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नई दिल्ली। डाकघर, विभिन्न देशों के दूर-दराज़ के इलाकों में वीज़ा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। भारतीय डाक ने इसके लिए मैसर्स वीएफएस ग्लोबल के साथ सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हस्ताक्ष्ार 30 अगस्त 2011 को डाक विभाग के सचिव और अधिकारियों और वीएफएस ग्लोबल के अधिकारियों की मौजूदगी में किये गए। सहमति-पत्र के अनुसार उन स्थानों पर वीज़ा संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जहां ये सुविधाएं इस समय उपलब्ध नहीं हैं।
शुल्क जमा करने, वीज़ा आवेदन पत्र देने, वीज़ा संबंधी सूचनाएं प्रदान करने और वीज़ा आवेदन प्रक्रिया से संबंधित अन्य सेवाओं के लिए डाकघरों के काउंटरों का उपयोग किया जाएगा। वीएसएफ कार्यालयों, संबद्ध दूतावासों और आवेदकों तक पासपोर्ट पहुंचाने के लिए भारतीय डाक की कुरियर सेवा का भी इस्तेमाल किया जाएगा। दोनों पक्ष किसी अन्य सेवा का उपयोग करने के बारे में भी विचार करेंगे, जो आपसी सहमति की शर्तों पर भारतीय डाक वीएसएफ ग्लोबल के नेटवर्क के जरिये उपलब्ध कराना चाहें। मैसर्स वीएसएफ ग्लोबल वीज़ा आवेदन सेवाओं के क्षेत्र में दुनिया भर की 35 सरकारों के साथ काम कर रहे हैं और 50 देशों में इसके 450 से अधिक कार्यालय हैं।
भारतीय डाक और वीएसएफ दोनों का मानना है कि परस्पर हित के कई अन्य क्षेत्र भी हैं और दोनों के बीच सहयोग से इन क्षेत्रों में आम जनता को लाभ पहुंचाया जा सकता है। इस समय वीज़ा संबंधी सेवाएं ज्यादातर बड़े शहरों में हैं और इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से लोगों को लंबी दूरी तय करके बड़े शहरों में आना पड़ता है। सामान्य जानकारी की कमी भी चिंता की बात है, जिसके कारण गलत किस्म के लोग साधारण लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। डाकघरों के जरिये वीजा संबंधी सेवाओं की व्यवस्था से काफी हद तक इस स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।