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ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिकी निवेशक आएं-भारत

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शिकागो। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिकी निवेशकों को भारत में बढ़ते हुए विद्युत क्षेत्र में निवेश करने का आह्वान किया है। शिकागो में शिकागो के कार्यकारी क्लब के साथ फिक्की के सहयोग से आयोजित भारत अमेरिकी आर्थिक अवसरों और सहक्रियात्मक शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने यह बात कही। शिंदे ने कहा कि वर्तमान में भारत में स्थापित उत्पादन क्षमता 1,81,000 मेगावाट से अधिक है और 80,000 मेगावाट की नवीन विद्युत उत्पादन क्षमता निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि 2007-2012 के दौरान भारतीय विद्युत क्षेत्र में 230 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निधियन की आवश्यकता का आकलन किया गया है। यह कहते हुए कि इसी प्रकार के निवेश की ज़रुरतों के साथ बारहवीं पंचवर्षीय योजना में लगभग 100 हज़ार मेगावाट क्षमता बढ़ाने का उद्देश्य है, ऊर्जा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि निजी क्षेत्र के मज़बूत सहयोग के साथ ही इस वृहत उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा।

भारत में विद्युत क्षेत्र में सुधार को रेखांकित करते हुए शिंदे ने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003, इस क्षेत्र को बाज़ार की गतिशीलता के साथ संरेखित करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी की राह में आने वाले गतिरोधों को दूर करता है। भारत में एक स्वतंत्र विनियामक ढांचा अब बिजली कंपनियों के लिए व्यापारिक भरोसे और सालाना 15.5 प्रतिशत की इक्विटी पर वापसी की काफी आकर्षक दर प्रदान करता है। भारत में सार्वजनिक निजी भागीदारी के सफल अवयवों के साथ बिजली परियोजनाओं की रूपरेखा प्रदान करते हुए शिंदे ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक नीलामी के मार्फत निजी क्षेत्र द्वारा विकसित करने के लिए 16 अल्ट्रा मेगा पावर परियोजनाओं (यूएमपीपी) और 14 अंतर्राज्यीय संचारन योजनाओं की पहचान की गई है।

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