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पेरिस। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, कार्यक्रमों और कोष के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की बैठक में पत्रकारों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और उनके खिलाफ हुए अपराधों में दंडाभाव से निपटने के लिए एक कार्य योजना की रूपरेखा तैयार की है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव और संचार विकास के लिए दंडाभाव कार्यक्रम (आईपीडीसी) के अध्यक्ष रघु मैनन की अध्यक्षता में कार्य योजना का प्रारूप तैयार किया गया था। यूनेस्को की महानिदेशक कुमारी इरिना बोकावा ने भी इस दो दिवसीय बैठक में भाग लिया था।
पिछले एक दशक में पांच हज़ार से अधिक पत्रकार अपने कार्य की अवधि के दौरान मारे गए हैं। कई पत्रकारों पर हमले, अपहरण, यौन शोषण, उन्हें परेशान, गिरफ्तार या अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। इन अधिकतम अपराधों का संबंध अंतर्राष्ट्रीय युद्ध संवाददाताओं से नहीं है, बल्कि अपने देश में कार्यरत स्थानीय खबरों का संकलन कर रहे पत्रकारों से है। अधिकतम मामलों में अपराधियों को सज़ा नहीं मिल पाती है। पत्रकारों की सुरक्षा और दंड में छूट मिलने से संबंधित मुद्दों के लिए कार्य योजना के प्रारूप में समन्वित अंतर-एजेंसी प्रक्रिया की स्थापना को सम्मिलित किया गया है, इसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति की निगरानी शामिल होगी।
इस प्रारूप में मीडिया कर्मियों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए यूनेस्को के पहले से शुरू किए गए कार्य का विस्तार करने की उम्मीद है। पत्रकारों को अभिव्यक्ति और सूचना की आज़ादी के लिए कानून और प्रक्रियाओं को विकसित करने में देशों की सहायता करना और मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों और नियमों को लागू करने में उनके प्रयास का समर्थन करना शामिल है।