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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के तेहत्ता एक ब्लॉक के दो गांवों से एकत्रित पोल्ट्री नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। ईआरडीडीएल, कोलकाता और उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (एचएसएडीएल) भोपाल को दिए गए नमूनों में एवियन फ्लू की पुष्टि हुई है। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मुर्गियों को तुरंत मारने और अंडों को नष्ट करने का निर्णय लिया गया है। तीन किलोमीटर के दायरे में फैली पोल्ट्री में मुर्गियों को मारा जाएगा, इसके अतिरिक्त 10 किलोमीटर के दायरे का निरीक्षण किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल सरकार को नियंत्रण और रोकथाम कार्य पर दैनिक रिपोर्ट पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विभाग, कृषि मंत्रालय को सौंपने को कहा गया है। केंद्र ने पशुपालन और जन स्वास्थ्य विभाग से क्षेत्र में तुरंत रणनीतिक कार्रवाई करने को कहा है, इसमें संक्रमित क्षेत्रों की घोषणा, इन क्षेत्रों में पोल्ट्री और उसके उत्पादों के आने-जाने पर प्रतिबंध, इन क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री फार्म और अंडे की दुकानों को बंद करना, फार्म के कर्मचारियों के आने-जाने पर प्रतिबंध, मारी गई मुर्गियों और संक्रमित चीज़ों का निपटान, उस जगह की साफ-सफाई, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आकस्मिक योजना (2005) में जारी किए गए उपायों को लागू करना आदि शामिल हैं।
भारत सरकार ने मुर्गियों को मारने के लिए मुआवज़े की रकम को राज्य सरकार के साथ 50:50 के अनुपात में बांटने के निर्णय के बारे में उन्हें अवगत करा दिया है और केंद्रीय प्रायोजित योजना 'पशु रोग के नियंत्रण के लिए राज्य को सहायता' के कार्यक्रम के तहत उपलब्ध निधि को इस्तेमाल करने के लिए राज्य सरकारों को अधिकृत किया है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मुर्गियों को मारने के साथ-साथ उनका मुआवज़ा भी तुरंत दिया जाए। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को केंद्र सरकार द्वारा अपने स्तर पर अधिसूचित किया जाएगा।