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बच्‍चों में नशे का सेवन बढ़ा

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नशेड़ी-addicts

नई दिल्ली। महिला और बाल विकास मंत्रालय में राष्‍ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा के राष्‍ट्रीय आयोग ने बच्‍चों में नशीली वस्‍तुओं से होने वाले नुकसान के खिलाफ जागरूरता पैदा करने पर जोर दिया है। हाल ही में आयोग के एक सदस्‍य विनोद कुमार टिक्‍कू के नेतृत्‍व में एक केंद्रीय दल ने गाजियाबाद में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के राष्‍ट्रीय उपचार केंद्र का दौरा किया। केंद्रीय दल ने नशीली वस्‍तुओं के सेवन से रोकने, उनके सेवन में कमी और नशे के आदी लोगों के पुनर्वास के लिए विभिन्‍न संगठनों की नीतियों का जायजा लिया।

एक गैर सरकारी संस्‍था चेतना के निदेशक संजय गुप्‍ता ने बच्‍चों को नशीली वस्‍तुओं की बिक्री पर एक प्रकार के कानूनी नियंत्रण की आवश्‍यकता पर जोर देते हुए कहा कि इरेज–एक्‍स जैसी नशीली दवाएं छोटी-मोटी दुकानों में भी उपलब्‍ध हो जाती हैं। इस संगठन के लावारिस और काम करने वाले बच्‍चों के व्‍हाइट इंक की खरीददारी पर हाल में किये गये एक अध्‍ययन से पता चला है कि दिल्‍ली में इन मादक द्रव्‍यों की बिक्री 24 से 67 लाख रूपये प्रतिदिन तक होती है।

आयोग जिसे एनसीपीआर भी कहते हैं, के एक दल ने बाद में मादक द्रव्‍यों के सेवन करने और कानून की अवहेलना करने वाले बच्‍चों के सुधार के क्षेत्र में कार्यरत चेतना और सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेज़ (एसवाइपीएम) नामक दो एनजीओ की कार्य शैली का भी जायजा लिया। केंद्रीय दल ने बच्‍चों से चर्चा के दौरान उनकी समस्‍याओं और आवश्‍यकताओं को भी गंभीरता के साथ सुना।

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