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नई दिल्ली। वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने भारत और अमरीका के बीच पेशेवरो की मुक्त आवाजाही की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की एच 1 बी और एल 1 वीजा प्राप्त करने में आने वाली मुश्किलों की तरफ ध्यान दिलाया और इस समस्या का जल्द निपटारा करने को कहा। आनंद शर्मा ने भारत-अमरीका सीईओ फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि फोरम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसके कारण दोनों तरफ वास्तविक नीतिगत परिवर्तन देखने को मिले हैं। उन्होंने फोरम को बताया कि बैठक से पहले उनकी शिकागो और डलास के सीईओ के साथ बातचीत हुई और उन्हें महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं। उन्होंने पिछले वर्ष की एफडीआई नीति के परिवर्तनों के बारे में भी बातचीत की और सभी सीईओ को आश्वासन दिया कि भारत अपने यहां व्यापार और निवेश के माहौल में सुधार करता रहेगा।
आनंद शर्मा, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी और योजना आयोग के उपाध्यक्ष के नेत़त्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन गया हुआ है, फोरम में दोनों पक्षों के सीईओ शामिल हैं और भारतीय पक्ष की ओर से इसकी सह-अध्यक्षता प्रसिद्ध एवं वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा और अमरीका के हनीवेल कॉरपोरेशन के सीईओ डेविड एम कोटे कर रहे हैं। आनंद शर्मा और अमरीका के व्यापार प्रतिनिधि एंबेसडर रॉन क्रिक ने ऊर्जा, जल, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, उच्च प्रौद्योगिकी और रक्षा व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं के समीक्षा सत्र की अध्यक्षता की। मंत्रिस्तरीय व्यापार नीति फोरम की अगले दौर की बैठक से पहले तकनीकी मामलों पर दो दौर की बातचीत होगी।