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नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि साइबर सुरक्षा की चुनौतियों से निपटते वक्त 'व्यक्ति की गोपनीयता' और 'देश की संवेदनशील सुरक्षा चिंताओं' के बीच पर्याप्त संतुलन बनाए रखने की ज़रुरत है। उभरते बाज़ारों के लिए सूचना और नेटवर्क सुरक्षा पर 20 सितंबर 2011 को हेलेंसकी में आयोजित शिखर सम्मेलन के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि साइबर आक्रमण केवल व्यक्ति से नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धी व्यापारिक घरानों और विद्रोही देशों से भी संचालित किया जाता है, एक अकेला मैलवेयर न केवल बड़े परमाणु संयंत्रों, बल्कि वित्तीय संस्थानों के महत्वपूर्ण क्रियाकलापों को भी ठप्प कर सकता है, जो कि वैश्विक तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं।
भारत में दूरसंचार सेवाओं में हुई उल्लेखनीय प्रगति के बारे में सिब्बल ने कहा कि वर्ष 2000 में तीन मिलियन मोबाइल कनेक्शन के मुकाबले वर्ष 2011 में 870 मिलियन मोबाइल कनेक्शन की बढ़ोतरी हुई है। भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए अगले तीन वर्ष में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर को बिछाने और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना को लागू करने की योजना है। नेटवर्क की इस अभूतपूर्व वृद्धि और नेटवर्क मंचों पर लोगों की निर्भरता की वजह से भारत के लिए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की चिंता बेहद आवश्यक है। इस संदर्भ में सिब्बल ने वैश्विक समुदाय से आपसी गठजो़ड़ से सूचना और नेटवर्क सुरक्षा के लिए वैश्विक प्रोटोकॉल विकसित करने का निवेदन किया।