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देहरादून। मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर की अठारहवीं गवर्निंग बाडी की बैठक में लाइब्रेरी की गतिविधियों में विस्तार के लिए 5 करोड़ रूपये का अतिरिक्त कारपस फंड मंजूर किया गया। इसके अलावा 20 लाख रूपये पुस्तक खरीदने और 10 लाख रूपये इलैक्ट्रानिक उपकरणों के लिए भी स्वीकृत किए गए। मुख्य सचिव ने बताया कि दून लाइब्रेरी को उपयोगी संसाधन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस लाइब्रेरी में शोध करने वाले छात्रों को भी गाइड किया जाता है। इसके लिए दो रिसर्च एसोसिएट की तैनाती की गई है।
मुख्य सचिव ने बताया कि दून लाइब्रेरी को और मजबूत करने और विद्यार्थियों को जरूरी किताबे मुहैय्या कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि लाइब्रेरी को सुदृढ़ करने के लिए सरकार हर संभव मद्द करेगी। उन्होंने देहरादून के सभी स्कूलों से अपील की है कि वे अपने छात्रों को दून लाइब्रेरी का सदस्य बनाकर पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करें।
पूर्व मुख्य सचिव एसके दास ने कहा कि दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर स्थापित करने का मकसद विद्यार्थियों, शोध छात्रों और नागरिकों को एक ही स्थान पर उपयोगी पुस्तकें, पत्रिकाएं और अखबार उपलब्ध कराना था। शुरू में इसके लिए 5 करोड़ रूपये के कारपस फंड की व्यवस्था की गई थी। इस फंड के ब्याज से पुस्तकालय की सभी गतिविधियों का संचालन होता है। पांच करोड़ रूपये के कारपस फंड की अतिरिक्त स्वीकृति के बाद अब लाइब्रेरी का 10 करोड़ रूपये का कारपस फंड हो जाएगा। इससे दून लाइब्रेरी की गतिविधियों का विस्तार होगा।
दून पुस्तकालय और शोध केंद्र के निदेशक डॉ बीके जोशी ने बताया कि स्थापना के बाद से लगातार पुस्तकालय के सदस्यों और पुस्तकों की संख्या बढ़ रही हैं। महज 250 रूपये सालाना फीस पर सदस्यों को भाषा, साहित्य, विज्ञान, प्रशासन, विधि, सामाजिक विज्ञान आदि विभिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ने के लिए दी जाती हैं, सदस्य बनने के लिए 500 रूपये की सिक्योरिटी जमा की जाती है, जो बाद में वापस कर दी जाएगी, दो हजार रूपये जमा कराने पर आजीवन सदस्य बनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस समय पुस्तकालय में 14000 पुस्तकें और 1000 सदस्य हैं। वाचनालय में पत्रिका और अखबार पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में पाठक रोज आते हैं। बैठक में प्रमुख सचिव वित्त आलोक जैन, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्पल कुमार सिंह, अपर सचिव संस्कृति एनएस नेगी, दून विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रोफेसर गिरिजेश पंत, निदेशक विद्यालयी शिक्षा सीएस ग्वाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।