दीप्ति शर्मा
लंदन। कथा यूके ने लंदन की कोकण एड फाउंडेशन के मंच पर भारतीय मूल के उद्योगकर्मी परिवार की असमा सूत्तरवाला के ऑडियो सीडी का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया। सीडी का विमोचन काउंसलर ज़किया ज़ुबैरी ने किया और कहा 'कम्यूनिटी की सेवा असमा की रूह में गहरे तक पैठी हुई है। असमा ने अपनी मुंबई की ज़िंदगी में देखा कि झोपड़-पट्टियों में रहने वाले ग़रीब लोग कैसे पानी के लिये एक दूसरे से लड़ते झगड़ते हैं, असमा ने देखा कि हिंदुस्तान के गांवों में किस तरह औरतें मीलों पैदल चलकर एक घड़ा पानी भर कर लाती हैं, इसीलिये असमा ने निर्णय लिया है कि इस सीडी की बिक्री से जितने भी पैसे इकट्ठे होंगे, उन्हें दक्षिण एशियाई देशों में पानी से जुड़ी अलग-अलग योजनाओं में लगाया जाएगा।'
काउंसलर ज़ुबैरी ने कोकण एड फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि लंदन में यह समुदाय एक शांतिप्रिय एवं प्रगतिशील समाज है, हम सब को इनके संघर्ष एवं मेहनत से सबक लेना चाहिए। असमां सूत्तरवाला ने कोकण फाउंडेशन, ज़किया ज़ुबैरी, कमाल फ़की एवं तेजेंद्र शर्मा के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यदि हम ग्रामीण परिवेश में पानी के पंप लगवा सकें तो यह नारी उत्थान के प्रति सीधा सा सकारात्मक कदम होगा, इससे नारियों को अपने बच्चों एवं परिवार के लिये अधिक समय मिल पाएगा, क्योंकि उन्हें दूर दराज़ इलाकों में पानी लाने में समय नहीं गंवाना होगा। अपने पति हातिम सूत्तरवाला, परिवार के सदस्यों, ज़किया ज़ुबैरी, नवाज़िश अली ख़ान आदि का धन्यवाद करते हुए असमा ने कहा कि इन सब के कारण ही वह अपने सपने को साकार करने में सफल हो पाईं। उनकी सीडी में से तीन नातें सुनते हुए श्रोता भाव-विभोर हो उठे।
कथा यूके के महासचिव एवं कथाकार तेजेंद्र शर्मा ने स्वयं एक नात गाकर कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने कोकण फाउंडेशन के सृजनात्मक कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। तेजेंद्र शर्मा ने कहा कि आमतौर पर पत्नी को आगे बढ़ते देख पति को अपना क़द छोटा होता दिखाई देता है, मगर हातिम सूत्तरवाला ने अपनी पत्नी असमा की ख़ूबी को न केवल पहचाना बल्कि उसे आगे बढ़ाने में भी पूरा योगदान दिया। उन्होंने सभी श्रोताओं को असमा के 'सबके लिये जल' कार्यक्रम को समर्थन देने का आह्वान भी किया। इससे पहले मौलाना अब्दुल अमीन एवं डॉ पठान ने कोकण एड फाउंडेशन के कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। उस्ताद नवाज़िश अली ख़ान एवं शबनम ख़ान ने सूफ़ी, ग़ज़ल और हिंदी फ़िल्मी गीतों से विमोचन कार्यक्रम को संगीतमय बनाया।