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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों में सोमवार से उपभोक्ताओं को मुआवजा दिए जाने का प्राविधान लागू कर दिया है। नियामक आयोग ने इस संबंध में प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों को उपभोक्ताओं को मुआवजा दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि विद्युत वितरण संहिता रिब्यू पैनल की बैठक 26 सितंबर को हुई थी, जिसकी अध्यक्षता नियामक आयोग के अध्यक्ष राजेश अवस्थी ने की थी, उसमें उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उपभोक्ताओं को मुआवजा दिये जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाएगा। उसी क्रम में उत्तर प्रदेश नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को मुआवजा दिये जाने का प्राविधान 3 अक्टूबर से तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
उदाहरण के तौर पर अब यदि किसी भी क्षेत्र में सामान्य फ्यूज उड़ता है, और विद्युत वितरण कंपनियों ने पांच घंटे तक उसे ठीक नहीं किया है, तो छठे घंटे प्रत्येक प्रभावित उपभोक्ता को 50 रूपये, 10 घंटे पर 100 रूपये और 13 घंटे पर 150 रूपये मुआवजा देना पड़ेगा। इसी तरह लाइन टूटने, वितरण ट्रांसफारमर की विफलता पर निश्चित समयाविधि में ठीक न किए जाने पर भी अलग-अलग मुआवजे का प्राविधान है, जो विद्युत वितरण संहिता में स्पष्ट है। हाई बोल्टेज की वजह से उपभोक्ताओं के उपकरण टीवी, फ्रिज इत्यादि जल जाते हैं, वह भी मुआवजा के बोल्टेज विचलन की धारा में आएगा और ऐसे उपभोक्ताओं को दावा करने पर मुआवजा दिये जाने का प्राविधान भी अब खुल गया है। अनेको उपभोक्ता समस्याओं पर मुआवजा क्लाज लागू होगा।