स्वतंत्र आवाज़
word map

रोज़गार दुनिया भर में चिंता का विषय

पेरिस में पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डोट कॉम

सुबोध कान्त सहाय/ Subodh Kant Sahay

पेरिस। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि रोजगार के अवसरों का सृजन दुनियाभर में चिंता का विषय है, आर्थिक मंदी के परिदृश्य में विशेष रुप से ऐसा ही है, समाज के विभिन्न स्तरों के लोगों के लिए रोजगार सृजन करने में पर्यटन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें कुशल, अर्ध-कुशल, अकुशल सभी तरह के लोग शामिल हैं। सोमवार को पेरिस में जी-20 देशों के पर्यटन मंत्रियों के वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन सतत अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन की वृद्धि और विकास का मंच है, विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं, जो प्रमुख पर्यटन बाजार भी हैं, के बीच चर्चाओं और विचारों के आदान प्रदान से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने आशा जताई कि यह सम्मेलन वैश्विक जनसंख्या के एक बड़े हिस्से तक आर्थिक लाभ पंहुचाते हुए पर्यटन क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों का सृजन करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
सहाय ने इस बात पर जोर दिया कि हाल के वर्षों में पर्यटन, विश्व के विशालतम उद्योग के रुप में विकसित हुआ है और यह आर्थिक विकास का प्रमुख साधन है। उन्होंने कहा कि भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2016 तक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन आगमन में भारत की हिस्सेदारी को 0.6 प्रतिशत से एक प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिससे भारत में 25 मिलियन अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा। सहाय ने कहा कि जमीनी स्तर पर संपूर्ण सामाजिक-आर्थिक विकास में पर्यटन की एक सार्थक भूमिका सुनिश्चित करने के लिए सरकार राष्ट्रीय और स्थानीय विकासात्मक रणनीतियां तैयार कर रही है।

उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई प्रासंगिकता और सकल घरेलू उत्पाद में इसके योगदान के बावजूद राजनैतिक और आर्थिक मान्यता में कमी के कारण पर्यटन अभी भी काफी पीछे है। सुबोध कांत सहाय ने कुछ देशों की पर्यटन और यात्रा संबंधी सलाह को पर्यटन के विकास में बाधक मानते हुए गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की वीजा जारी करने की सख्त प्रक्रिया भी पर्यटन के विकास में बाधक है। टी-20 नाम से प्रसिद्ध पर्यटन मंत्रियों का तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन पेरिस में शुरु हुआ और इस महीने की 26 तारीख तक चलेगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]