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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने दावा किया है कि मौद्रिक नीति के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की घोषणा से हम जल्द ही बेहतर मुद्रास्फीति की स्थिति में होंगे जिससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास के रफ्तार पकड़ने की संभावना होगी। प्रणब मुखर्जी, भारतीय रिज़र्व बैंक की उस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि के साथ इसे मौजूदा 8.25 से बढ़ाकर 8.50 कर दिया गया है। रिवर्स रेपो दर भी 7.25 से बढ़कर 7.50 हो गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति में जारी हलचल के मद्देनजर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धताओं को सुदृढ़ किया है। मुखर्जी ने कहा कि मुद्रास्फीति का प्रभाव क्रेडिट लागत और निवेश वृद्धि पर पड़ा है, आने वाले महीनों में हम अपने निवेश की संभावनाओं को मज़बूत करने के लिए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
उधर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आवास ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज की छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत 10 और 20 लाख की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रूपये कर दिया है। प्रस्ताव के तहत 25 लाख रूपये की सीमा लागत वाले आवास को ही शामिल किया गया है। इसके लिए राष्ट्रीय आवास बैंक को नोडल एजेंसी बनाकर व्यवसायिक बैंक और आवासीय वित्त कंपनियों में लागू करने के लिए कहा गया है। इस योजना को लागू करने के लिए वित्तीय वर्ष 2011-12 में 500 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। मंत्रिमंडल ने सितंबर 2009 में वर्तमान लागू 10 लाख तक आवास ऋण पर 1 प्रतिशत की ब्याज दर (आवास की लागत 20 लाख तक) के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत मिलने वाली ब्याज दर से ऋण की अतिरिक्त मांग पैदा होती है और निम्न और मध्यम आय वर्ग में आवास खरीदने की क्षमता में वृद्धि होती है।