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नई दिल्ली। 'स्नायु विज्ञान के क्षेत्र में नई प्रवृत्तियों' पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में मैटकॉफ हाउस के भगवंतम सभागार में आयोजित किया गया। सम्मेलन में स्नायु विज्ञान के क्षेत्र में नए शोधों पर भारत और अन्य देशों से आये चार सौ से अधिक स्नायु विज्ञान विशेषज्ञ शामिल हुए। सम्मेलन का उद्घाटन डीआरडीओ के जाने-माने वैज्ञानिक डॉक्टर डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने किया। विचारणीय विषयों में स्नायुह्रास और स्नायु संरक्षण, स्नायु संरक्षण के लिए जड़ी बूटियों और ऐंटी-ऑक्सीडेंट चिकित्सा पद्धतियां, वृद्धावस्था और स्मरणशक्ति के ह्रास, जीव-विज्ञान और कई अन्य विषय शामिल थे। स्वास्थ्य देख रेख और मानव निष्पादन में सुधार संबंधी विषय पर सम्मेलन में लंबी चर्चा हुई है।
सम्मेलन में स्नायु विज्ञान क्षेत्र के अनेक जाने-माने वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं-लखनऊ के सीएसएमएमयू विश्वविद्यालय के स्नायु विज्ञान प्रोफेसर इमेरिटस डॉ देविका नाग, एनबीआरसी के निदेशक डॉ सुब्रत सिन्हा, डीआईपीआर के निदेशक डॉ मानस मंडल, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर राज मेहरा, बेंगलुरू स्थित एनआईएमएचएएनएस के डॉ टी आर राजू। अन्य देशों ऑस्ट्रेलिया, जापान, हालैंड, सिंगापुर और अमेरिका के 25 से अधिक विदेशी विशेषज्ञ भी आए।
सम्मेलन की आयोजन सचिव और भौतिक विज्ञान और संबद्ध विज्ञानों की रक्षा संस्था (डीआईपीएएस) की निदेशक डॉ शशि बाला सिंह बताया कि सम्मेलन की एक अद्वितीय विशेषता यह रही कि इसमें स्कूली छात्रों के लिए एक विशेष संवाद सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में दिल्ली के स्कूलों के 10+2 स्तर के छात्र, सुप्रसिद्ध स्नायु विज्ञान विशेषज्ञों के साथ चर्चा की और मस्तिष्क के रहस्यों और उसके काम करने के तरीकों को जाना। इस सत्र का उद्देश्य युवाओं में इस क्षेत्र में रुचि पैदा करना और स्नायु विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने को प्रोत्साहित करना था। हैं। यह सम्मेलन 31 अक्तूबर और पहली नवंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के पेंटल स्मारक हॉल में भी हुआ।