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रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस जनता में अपनी स्वच्छ छवि और जनता से नजदीकी बनाए रखने के लिए कुछ न कुछ करती ही रहती है। छत्तीसगढ़ राज्य के 11वें स्थापना दिवस पर भी उसने एक शानदार प्रदर्शनी लगाई, जिसका राज्य के पुलिस महानिदेशक अनिल एम नवानी ने उद्घाटन किया। पुलिस विभाग ने सकारात्मक एवं सृजनात्मक, दृष्टिकोण अपनाते हुए सजग, समर्थ, संवेदनशील छत्तीसगढ़ पुलिस की थीम पर राज्योत्सव में यह प्रदर्शनी आयोजित की। प्रदर्शनी को राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष धर्मलाल कौशिक, गृहमंत्री ननकी राम कंवर, लोक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने भी देखा और सराहा।
इस प्रदर्शनी में वर्ष 2010-11 में नक्सलियों के विरूद्ध लड़ते हुए शहीद हुये अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्मृति में शहीद पुलिस कर्मियों के छायाचित्र प्रदर्शित कर उन्हे श्रद्धांजलि देने का आयोजन किया गया है। प्रदर्शनी स्थल में पुलिस विभाग ने अनेक प्रकार के आधुनिक शस्त्रों का प्रदर्शन किया। इसके साथ-साथ प्रदेश के महानगरों में बढ़ती जनसंख्या एवं उनके अनुरूप बढ़ते वाहनो को दृष्टिगत रखते हुए यातायात व्यवस्था का संचालन किस तरह किया जा रहा है, प्रदर्शन में दिखाया गया है। यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित संचालन करने के लिए यातायात पुलिस कर्मियों एवं जन सामान्य को प्रशिक्षण देने के लिए बिलासपुर शहर में पुलिस विभाग ने यातायात पार्क बनाया है, जिसका मॉडल प्रदर्शनी में लगाया गया है। यातायात नियमों के प्रति फिल्म के माध्यम से आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। दूरसंचार शाखा ने पुलिस की आधुनिक दूरसंचार तकनीक के माध्यम से त्वरित ढंग से मुख्यालय से सुदूर नक्सल प्रभावित थानों से सूचनाओं का अदान-प्रदान को प्रदर्शित किया है।
न्यायिक विज्ञान तथा अपराध अनुसंधान की कार्यप्रणाली के अंतर्गत फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट, अपराधियों के छायाचित्र तथा घटना स्थल पर उपलब्ध साक्ष्यों का संग्रहण कर उनका वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण कर अपराधियों तक पहुंचने का चित्रण प्रदर्शनी में किया गया है। वर्तमान में मोबाईल, कंप्यूटर, इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों से बचने के लिए प्रदर्शनी में चित्रों एवं स्लोगन के माध्यम से सचित्र प्रदर्शन कर जनता को सचेत करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग मे नये राज्य के गठन के पश्चात् 11 वर्ष में क्या-क्या अधोसरंचना विकसित की गई है, उसका चित्रण भी प्रदर्शनी में किया गया है। बच्चों एवं युवा पीढी को पुलिस विभाग की ओर आकर्षित करने के लिए पुलिस वर्दी में निःशुल्क फोटो खिचाने की व्यवस्था की गई है, जो युवक युवतियों और बच्चों में विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। प्रथम दिवस में सैकड़ों दर्शकों ने पुलिस वर्दी में फोटो खिचवाईं। गांव के एक परिवार को नक्सलियों के हमले से बचाते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों ने रक्षा कवच का काम किया। परिवार को भय मुक्त किया। इस दृश्य को झांकी के रूप में आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया है।
नोडल अधिकारी और पुलिस महानिरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस, जनता के सहयोग से नक्सलियों के विरूद्ध किस तरह से लड़ाई लड़ कर विकास कार्यो का रास्ता आसान कर रही है, इसे फिल्म के माध्यम से दिखाया जा रहा है। शासन की आत्म समर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत आत्म समर्पित नक्सलियों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं, इसका प्रदर्शनी में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। पुलिस प्रदर्शनी स्थल पर पुलिस बैंड भी देश-भक्ति गीतों का वादन कर खूब मनोरंजन कर रहा है। दर्शकों से पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के संबंध में सुझाव मांगे गये हैं एवं इस हेतु सुझाव पेटी रखी गयी है, जो सुझाव सर्वोत्तम होगा उसे पुरस्कृत किया जाएगा। इस प्रदर्शनी को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है।