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भारत में हैं दुनिया के एक चौथाई गरीब

भारत विश्‍व की तेज़ अर्थव्‍यवस्‍था–प्रणब मुखर्जी

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प्रणब मुखर्जी

नई दिल्‍ली। वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत विश्‍व की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था है और उसने अपनी उच्‍च आर्थिक विकास दर बनाए रखी है। मुखर्जी ने ‘नवें इंडिया टुडे मुख्‍यमंत्री सम्‍मेलन’ में कहा कि कुछ अवरोधों और तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारी क्षमताओं में कोई कमी नहीं आई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह स्‍पष्‍ट है कि बढ़ती समृद्धि के लाभ पूरी तरह हमारे नागरिकों को नहीं मिल पा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद राष्‍ट्रीय स्‍तर पर गरीबी में उल्‍लेखनीय कमी आई है। उन्‍होंने कहा कि भारत में सभी देशों के मुकाबले अधिक गरीब हैं और दुनिया के एक चौथाई गरीब भारत में रहते हैं। भारत में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां गरीबी लगातार कायम है। अर्थव्‍यवस्‍था में होने वाले उल्‍लेखनीय विकास के बावजूद, कुछ राज्‍य आज भी प्रगति की राह में पिछड़े हुए हैं और आर्थिक विकास के फायदे को गरीबी कम करने में इस्‍तेमाल नहीं किया जा सका है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उपरोक्‍त बिंदुओं के बारे में 12वीं योजना निश्चित रूप से महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्‍होंने बताया कि राष्‍ट्रीय विकास परिषद ने हाल ही में ‘तीव्र, सतत तथा अधिक समावेशी विकास’ के मद्देनजर योजना को मूर्तरूप देने के लिए एक अध्‍ययन प्रपत्र तैयार किया है, राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य अभियान, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना, सर्व शिक्षा अभियान और भारत निर्माण जैसे महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम इसी रणनीति का अंग हैं। इस रणनीति को अतिरिक्‍त आयाम देने के लिए सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक पर काम कर रही है, जिसके पारित हो जाने पर खाद्यान्‍न की गारंटी हो जाएगी।
विश्‍व परिदृश्‍य का उल्‍लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक आर्थिक शक्ति, विकसित देशों के दायरे से निकल कर, उभरने वाले और विकासशील देशों के दायरे में आ रही है। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संरचना बदल रही है तथा विकासशील अर्थव्‍यवस्‍थाएं इसमें अपनी भूमिका निभा रही हैं, इस तरह उनका दबदबा बढ़ रहा है। मुखर्जी ने कहा कि केवल अच्‍छे इरादों और अच्‍छी नीतियों से काम नहीं चलने वाला, उन्‍हें कार्यान्वित करना और उन पर कार्यवाही करना बेहद जरूरी होता है, इसके लिए केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच संयुक्‍त प्रयास होना चाहिए।

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