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नई दिल्ली। शहरी विकास मंत्री कमल नाथ ने सैद्धांतिक रूप से त्वरित मार्ग व्यवस्था की अवधारणा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीन महत्वपूर्ण रास्तों दिल्ली-गुड़गांव-अलवर, दिल्ली-सोनीपत-पानीपत और दिल्ली-ग़ाजियाबाद-मेरठ मार्ग के लिए मंजूरी दे दी है। शहरी विकास मंत्री ने एनसीआर योजना बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह इस योजना के लिए नये तरीके से राशि (कोष) व्यवस्था विकसित करने के लिए यातायात उन्मुख विकास संभावना के साथ जमीन के लिए रुपयों की व्यवस्था और इन भारी भरकम परियोजनाओं को लागू करने के लिए सार्वजनिक तथा निजी भागीदारी मॉडल की संभावना का पता लगाएं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे हुए शहरों और दिल्ली के बीच त्वरित मार्ग व्यवस्था के चालू होने पर इन शहरों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी और दिल्ली से होने वाली व्यापारिक गतिविधियों में भी भाग लेने की इन्हें अनुमति होगी। शहरी विकास मंत्री ने जोर देकर कहा कि आरआरटीएस को दिल्ली मेट्रो के साथ एकीकृत किया जाए, इससे क्षेत्रीय घरेलू बाजार के खुलने एवं त्वरित यातायात व्यवस्था से राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर यातायात व्यवस्था पर पड़ने वाले दबाव पर कमी आएगी। कमल नाथ, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने एनसीआर में लागू किये जाने वाले प्रस्ताव और योजनाओं की तीन नवंबर को समीक्षा की। इस बैठक में शहरी विकास सचिव के अलावा जीएनसीटी के मुख्य सचिव, डीडीए के उपाध्यक्ष, एनसीआरपीबी के सदस्य सचिव सहित केंद्र और भागीदार राज्यों के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।