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नई दिल्ली। विषुवतर रेखा से दक्षिण में होने सार्क देशों के पहले सम्मेलन में मालदीव रवाना होने से पहले, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 26 वर्ष से अस्तित्व में आए सार्क ने दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि व्यापार, संपर्क, गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, संगठित अपराध तथा आतंकवाद जैसे विषयों पर सार्क ने सहयोग को प्रोत्साहित किया है। क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए इसने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन, दक्षिण एशिया विकास कोष एवं नई दिल्ली स्थित दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय जैसे नए संस्थानों की स्थापना भी की है।
दस नवंबर से अड्डू में शुरू हो रहे सार्क देशों के 17वें सम्मेलन का आयोजन मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने किया है। यहां यह पहला सार्क सम्मेलन है, इसके बाद प्रधानमंत्री 12 नवंबर 2011 को मालदीव की द्विपक्षीय यात्रा पर जाएंगे। मालदीव में सार्क सम्मेलन का विषय है- संपर्क निर्माण। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इसका हम स्वागत करते हैं, क्योंकि भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए संपर्क बढ़ाने के महत्व पर हमेशा जोर दिया है। हमने द्विपक्षीय, उपक्षेत्रीय एवं क्षेत्रीय आधार पर संपर्क बढ़ाने के कई कदम उठाए हैं और हम आगे भी बहुत कुछ करने के इच्छुक हैं, यह विषय वर्तमान दशक को क्षेत्रीय संपर्क सार्क दशक के रूप में मनाए जाने के अनुकूल भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्क सम्मेलन में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते के तहत व्यापार की उदारीकरण प्रक्रिया को और आगे बढ़ाये जाने की उम्मीद है। क्षेत्रीय मानकों के कार्यान्वयन, मानक अनुरूपता आकलन की मान्यता पर बहुपक्षीय समझौता, प्राकृतिक आपदाओं पर त्वरित कार्रवाई एवं सार्क सीड बैंक की स्थापना जैसे समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है। एकीकरण को और ज्यादा बढ़ावा देने के साथ-साथ दक्षिण एशियाई पहचान के विकास के लिए भारत आगामी सम्मेलन में अपना सहयोग देगा। सार्क शीर्ष सम्मेलन में भाग ले रहे दक्षिण एशियाई शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने का अवसर भी प्राप्त होगा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि सार्क सम्मेलन के बाद माले की उनकी यह द्विपक्षीय यात्रा नौ वर्ष बाद भारत की ओर से मालदीव के लिए प्रधानमंत्री स्तर की पहली यात्रा होगी। इस दौरान हमारे संबंधों में काफी बदलाव आए हैं। अपने संबंधों के सभी पहलुओं पर राष्ट्रपति नशीद के साथ गहन विचार-विमर्श के साथ-साथ माले में पीपुल्स मजलिस को भी संबोधित करेंगक जिसमें हमें उम्मीद है कि पारंपरिक सहित नए क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझौते होंगे।