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उत्तराखंड की वर्षगांठ पर खंडूडी का चुनावी शंखनाद

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इन्फो बुक रिलीज़/info book release

देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 11वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूडी ने नवीन मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक सादे समारोह में राज्य की जनता के कल्याण के लिए विकास योजनाओं का पिटारा खोल, विधान सभा सूचना का शंखनाद किया। ये घोषणाएं ऐसी हैं, जिन पर चुनाव का दारोमदार है और चुनाव अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी इन पर काम नहीं रुक पाएगा, क्योंकि ये नवंबर 2011 में शुरू हो रही हैं, जिन्हें चुनाव अधिसूचना के नाम पर बीच में नहीं रोका जा सकता, जिससे अगले  साल विधान चुनाव तक  ये भाजपा के लिए वोट बटोरने का अच्छा-खासा काम करेंगी। इन चुनाव के पहले इन घोषणाओं पर अमल शुरू होने का मतलब है बाज़ी मारना। भुवन चंद्र खंडूडी ने जो प्रमुख चुनावीं घोषणाएं कीं हैं उन पर जरा नज़र डालिए- 
ऐसे अभिभावक जो प्रदेश के स्थायी निवासी हैं तथा जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रूपये से अधिक नहीं है, उनके बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि, व्यवसायिक एवं अन्य उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने हेतु लिये गये शिक्षा ऋण में निर्धारित ब्याज दर में कुल 10 लाख रूपये तक के ऋण हेतु अधिकतम 5 वर्ष के लिए 5 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार देगी। इसी प्रकार प्रदेश की सभी छात्राओं को विद्यालय एवं महाविद्यालय के परिचय पत्र के आधार पर प्रदेश में परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रतिष्ठित अन्य व्यवसायिक एवं तकनीकी संस्थानों के लिए चयनित प्रदेश के स्थायी निवासी छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार 50 हजार रूपये का पुरस्कार देगी। भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों के छात्र-छात्राओं को वर्तमान में उच्च शिक्षा हेतु प्राप्त छात्रवृत्ति को दोगुना कर दिया गया है। इंजीनियरिंग ओर मेडिकल की शिक्षा हेतु 12 हजार के स्थान पर 24 हजार तथा पीएचडी के लिए 10 हजार रूपये के स्थान पर 20 हजार रूपये प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति दी जायेगी। प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत लगभग 32 हजार भोजन माताओं के मानदेय को 1000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी आशा कार्यकत्रियों जिनकी संख्या लगभग 11 हजार है, को राज्य सरकार की ओर से 5 हजार रूपये वार्षिक राज्य प्रोत्साहन दिये जाने का निर्णय लिया गया है। यह धनराशि दो अर्द्धवार्षिक किश्तों में दी जायेगी।
फल एवं सब्जियों की आवक पर 2 प्रतिशत मंडी शुल्क देय होता है, जिसे पूरे प्रदेश में समाप्त कर दिया गया है। उत्तराखंड का कोई स्थायी निवासी, जिसके परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रूपये से अधिक नहीं है, यदि स्वरोजगार हेतु बैंक अथवा वित्तीय संस्था से ऋण लेता है तो राज्य सरकार अधिकतम 10 लाख रूपये की ऋण की धनराशि हेतु 5 वर्ष के लिए 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान देगी। प्रदेश में अवैध खनन को रोकने, पर्यावरण सुरक्षित रखने, खनन के पट्टे पारदर्शी नीति के आधार पर दिये जाने, खनन से संबंधित सभी भ्रष्टाचार को समाप्त करने तथा खनन से राजस्व में वृद्धि करने की दृष्टि से माह नवंबर 2011 में ही नई खनन नीति बनाकर लागू करेगी। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना हेतु वर्ष 2008 में प्रतिपादित नीति में संशोधन करके अनेक वित्तीय एवं गैर वित्तीय सुविधाएं देते हुए त्वरित रूप से उद्योगों की स्थापना के लिए इसी नवंबर में ही संशोधित औद्योगिक नीति लागू की जायेगी।
सेवा के अधिकार अधिनियम-2011 के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सेवाओं को एकल खिड़की के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु ब्लाक एवं तहसील मुख्यालय पर देवभूमि जनसेवा केंद्र की स्थापना की जायेगी। कुमाउँ मंडल में काशीपुर तथा गढ़वाल मंडल में हरिद्वार में टिश्यू कल्चर फैसिलिटी की स्थापना की जायेगी, इनकी स्थापना से बीज प्रतिस्थापन दर में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी तथा प्रथम वर्ष के गन्ने के उत्पादन की अवधि में लगभग ढ़ाई माह की कमी होगी। प्रदेश के सभी नगरों में फेरीवाले तथा सड़क एवं पटरियों पर व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों को मान्यता देते हुए उनके नियमितीकरण की कार्यवाही की जायेगी। पटरी व्यवसायियों के समुचित प्रबंधन हेतु इसी माह में नियमावली प्रख्यापित की जायेगी। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अनाधिकृत बस्तियों के नियमितीकरण हेतु नवंबर 2011 में ही कार्य योजना तैयार की जायेगी।  प्रदेश की सभी 670 न्याय पंचायतों के खाद्यान्न भंडारण हेतु 500 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जायेगा।
कुमाऊं मंडल में अल्मोड़ा जनपद के सरियापानी स्थान पर तथा गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जनपद के सिरोर स्थान पर 5-5 हेक्टेयर भूमि पर पुलिस विभाग आपदा प्रबंधन इकाई की स्थापना करेगा। पर्यटन विभाग की वीरचंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में अनुदान राशि को 5 लाख से रूपए से बढ़ाकर 10 लाख रूपए कर दिया जायेगा। वर्तमान में नजूल भूमि के फ्री होल्ड हेतु लंबित मामलों का निस्तारण 9 नवंबर, 2000 को भूमि की प्रचलित सर्किल दरों के आधार पर किया जायेगा।  उत्तराखंड में भवन निर्माण के मानचित्र स्वीकृति में आ रही कठिनाईयों के निराकरण एवं पूरे राज्य में समान रूप से नियोजित विकास को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से एकीकृत भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तैयार करके नवंबर 2011 में लागू की जायेगी। प्रदेश के 11 जिलों में कार्यरत लगभग 4500 ग्राम प्रहरियों के मानदेय को 200 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 500 रूपये प्रति माह करने का निर्णण लिया गया है।
जड़ी-बूटी के विकास के लिए 2 करोड़ रूपये की धनराशि से रिवालविंग फंड बनाया जायेगा, जिसका उपयोग समर्थन मूल्य एवं बाजार मूल्य के अंतर की सीमा तक प्रतिपूर्ति के लिए किया जायेगा। प्रदेश के प्रत्येक जिले में 100 पॉली हाउस स्थापित किये जाएंगे जिसके लिए भारत सरकार के 50 प्रतिशत अनुदान के अतिरिक्त राज्य सरकार 30 प्रतिशत अनुदान और अलग से देगी। कृषकों को अपनी ओर से केवल 20 प्रतिशत लागत लगानी होगी। प्रदेश में 8 करोड़ की लागत से 50 ग्रामीण हाटों की स्थापना की जायेगी, इन हाटों में किसान अपने उत्पादों का विक्रय सीधे उपभोक्ताओं को कर सकेंगे। वर्तमान में सेना की कैंटीन से दो पहिया वाहन लेने पर वैट में 100 प्रतिशत छूट है और पहले 750 वाहनों की खरीद पर ही यह छूट अनुमन्य है। अब वाहनों की संख्या का प्रतिबंध समाप्त कर दिया जायेगा। इसी प्रकार सेना की कैंटीन से चार पहिया वाहन में वैट की 100 प्रतिशत छूट पहले 150 वाहनों पर अनुमन्य है जिसे अब 500 वाहनों तक के लिए अनुमन्य करने का निर्णय लिया गया है।
जनपद उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर तथा चम्पावत में ट्राउट फिश फार्मिंग योजना लागू की जायेगी। पहाड़ी क्षेत्र के लिए स्टोन क्रैशर की जो नीति राज्य मंत्रिमंडल ने 5 नवंबर 2011 को प्रतिपादित की है, वह इसी नवंबर 2011 में ही मैदानी क्षेत्रों के लिए पर्यावरण के अनुकूल स्टोन क्रैशर स्क्रीनिंग प्लांट एवं पल्वराईजर नीति लागू की जायेगी। प्रदेश के सेवानिवृत्त अर्द्ध सैनिक बलों एवं उनके परिवारों को विभिन्न सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए माह नवंबर 2011 में नीति बनाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने लोक संपर्क विभाग की विकास पुस्तिका ‘बढ़ता-संवरता उत्तराखंड’ का भी विमोचन किया। शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी।

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