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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस मनाया

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स्थापना दिवस/foundation day

देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल मार्गेट आल्वा ने बुधबार को राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन देहरादून में पुलिस रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद 20 पुलिस अधिकारियों एवं जवानों को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, वीरता और सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक प्रदान किए। राज्यपाल ने संबोधन में कहा कि राज्य में अमन-चैन का वातावरण बनाए रखने में राज्य पुलिस के बहादुर जवानों की सेवाएं, पुलिस के जवानों की उपलब्धियां, अन्य लोगों को भी अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद 11 वर्ष की विकास यात्रा में प्रदेश में कई अच्छे कार्य हुए हैं, परंतु इसके साथ-साथ, कई चुनौतियां भी हैं, हमारी जीडीपी ग्रोथ तीन प्रतिशत से बढ़कर लगभग 10 प्रतिशत हो गई है, विकास की इस दर को बनाए रखने तथा इसका लाभ राज्य के आखिरी आदमी तक पहुंचाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ अच्छे स्कूल हैं, राज्य बनने के बाद राज्य की साक्षरता दर का 8 प्रतिशत बढ़ना भी खुशी की बात है, लेकिन राज्य के प्रत्येक बच्चे को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि इस अवधि में बालिकाओं की संख्या में कमी होना चिंता का विषय है, राज्य का पूर्ण विकास, महिला-भागीदारी के बिना अधूरा है, इसलिए महिलाओं की सभी योजनाओं को सही प्रकार से लागू करना आवश्यक है, जिससे उनके जीवन की कठिनाईयों का बोझ कम हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 80 प्रतिशत लोगों का जीवन कृषि पर निर्भर है, हमें ऐसी कृषि नीति और योजनाएं बनानी होंगी, जिनसे कृषि पैदावार बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ सके। राज्य में उद्योगों की स्थापना मैदानी क्षेत्रों तक सीमित है। पर्वतीय क्षेत्रों में उचित प्रकार के कुटीर उद्योगों से रोजगार पैदा करके, यहां से लगातार हो रहे पलायन को रोका जा सकता है। पर्यावरण तथा धार्मिक कारणों से राज्य में जल विद्युत परियोजनाएं बंद हो रही हैं, हमें अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी।
राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्रकृति-प्रेमियों, साहसी खेलों में रूचि रखने वालों तथा धार्मिक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, इसलिए पर्यटन, राज्य की आर्थिक प्रगति में महत्वर्पूण भूमिका निभा सकता है, इसके लिए राज्य में बुनियादी सुविधाओं का विकास एवं विस्तार तेजी से किया जाना होगा। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक प्रस्तावित रेल लाइन पूर्ण होने पर न केवल गढ़वाल के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों तक विकास होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, पहाड़ के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। राज्य में भ्रष्टाचार खत्म करने और आम आदमी को सरकारी सेवाओं में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए लोकायुक्त बिल, स्पेशल कोर्ट बिल, लोक सेवा अधिकार और वार्षिक पारदर्शी स्थानांतरण अधिनियम पास हुए हैं, जिन्हें पूर्ण रूप से लागू कराना होगा।
कार्यक्रम में विशिष्ठ सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिस पदक पुलिस महानिरीक्षक अनिल रतूड़ी, सेनानायक 46वीं वाहिनी पीएसी गणेश सिंह मर्तोलिया, अपर पुलिस अधीक्षक जसवंत सिंह, विशिष्ट उपलब्धियों के लिए राज्यपाल का उत्कृष्ट सेवा पदक सुरेंद्र सिंह सामंत थानाध्यक्ष सतपुली एवं सूर्यभूषण नेगी थानाध्यक्ष सहसपुर को दिये गये, वीरता के लिए तीन और सराहनीय सेवाओं के लिए 12 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को भी पुलिस पदक प्रदान किये गये। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी, विधान सभा अध्यक्ष हरवंश कपूर, कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’, लोकायुक्त एमएम घिल्डियाल, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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