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बच्‍चों में सांस्‍कृतिक जागरूकता के प्रयास

संस्‍कृति मंत्री ने बच्चों के संग मनाया बाल दिवस

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दिल्ली में बाल दिवस/children's day in delhi

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्‍कृति तथा आवास एवं शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्री कुमारी सैलजा ने दिल्‍ली के मशहूर ह्मायूं मकबरा में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के मौके पर सात सौ स्‍कूली बच्‍चों के साथ बाल दिवस मनाया। इस मौके पर सुविधाओं से वंचित वर्ग के बच्‍चे भी मौजूद थे। केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री ने बच्‍चों के लिए ह्यायूं मकबरा पर आधारित दिशा-निर्देश पुस्तिका भी जारी की। इस मौके पर कुमारी सैलजा ने कहा कि ह्यायूं का मकबरा, भारत की 26 विश्‍व धरोहर में से एक है और यहां तकरीबन हर साल तीन लाख बच्‍चे आते हैं, दिशा-निर्देश की पुस्तिका से बच्‍चों में शुरूआती दिनों से ही संरक्षण के लिए प्रयास करने की भावना विकसित होगी और वह इतिहासकार, पुरातत्‍व विशेषज्ञ और वास्‍तुकार बनने के लिए प्रेरित होंगे।
उन्‍होंने कहा कि देश की ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए, ऐसे और अधिक लोगों की जरूरत है, जो इसे बचाने और संरक्षित करने में हिस्‍सा ले सकें। इस किताब को डॉ नारायणी गुप्‍ता ने लिखा है, जिसमें मुगल राजाओं, ह्मायूं और ग्रेटर निजामुद्दीन एरिया से जुड़े लोक संगीत के बारे में रोचक जानकारी दी गई है। उधर भारतीय संस्‍कृति मंत्रालय ने सांस्‍कृतिक धरोहर युवा नेतृत्‍व कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य स्‍कूली बच्‍चों में सांस्‍कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देना और भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक धरोहर के प्रति लगाव विकसित करना है।
संस्‍कृति मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि इसके तहत पिछड़े इलाकों में रहने वाले बच्‍चों पर विशेष ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा, इस काम में जहां तक संभव होगा, क्षेत्रीय भाषाओं का इस्‍तेमाल किया जाएगा। यह कार्यक्रम 19 नवंबर 2011 को शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम की योजना के मुताबिक दृश्‍य-श्रव्‍य कैसट्स स्‍कूली बच्‍चों के बीच बांटी जाएंगी तथा संस्‍कृति से संबंधित नई दृश्‍य-श्रव्‍य एवं प्रकाशन सामग्री तैयार की जाएगी। इससे पिछड़े इलाकों में रहने वाले छात्रों को संग्रहालय और स्‍मारकों को देखने के दौरान मदद मिलेगी। दृश्‍य श्रव्‍य सामग्री के मामले में डीवीडी के प्रत्‍येक सेट के लिए संस्‍कृति मंत्रालय पांच हजार रूपये की वित्तीय सहायता देगा, बच्‍चों के लिए सीडी, डीवीडी और प्रकाशन तैयार करने के लिए एक लाख रूपये, और स्‍मारकों का दौरा करने के लिए प्रति बच्‍चे को पाच सौ रूपये तक दिए जाएंगे, इसमें यात्रा खर्च, भोजन, स्‍मारकों के लिए दिया जाने वाला प्रवेश शुल्‍क इत्‍यादि शामिल हैं। विशेष परिस्थिति में संस्‍कृति मंत्रालय इस सहायता राशि को दोगुना भी कर सकती है।

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