स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने भारत और रूस के बीच इस्पात और खनन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के बारे में 10 नवंबर 2011 को रूस के उद्योग मंत्री विक्तर क्रिसतेंको के साथ बातचीत की। विचार-विमर्श के दौरान कर्नाटक में 3 एमटीपीए का इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए भारतीय नवरत्न, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनएमडीसी और रूस की प्रमुख इस्पात कंपनी सेवर्सतल के बीच सहयोग स्थापित करने के बारे में विशेष रूप से चर्चा हुई। प्रस्तावित संयंत्र एनएमडीसी और सेवर्सतल के बीच 50:50 का संयुक्त उद्यम होगा, जिसके लिए लौह अयस्क और कोयले की आपूर्ति एनएमडीसी और सेवर्सतल करेंगे। ये संयुक्त उद्यम इस्पात के क्षेत्र में भारत में रूस का पहला निवेश है, इससे न केवल संसाधनों बल्कि प्रौद्योगिकी और कार्यकुशलता के हस्तांतरण के अवसर खुलेंगे।
बेनी प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए रूस के उद्योग मंत्री ने कहा कि रूस का मानना है कि भारतीय इस्पात उद्योग दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उद्योग के रूप में उभरने वाला है, रूस सरकार उभरते हुए भारतीय बाजार को आपूर्ति के लिए रूसी इस्पात कंपनियों की पहल को पूरा समर्थन देती रही है। प्रतिनिधिमंडल में इस्पात सचिव पीके मिश्रा और एनएमडीसी तथा आरआईएनएल के अन्य अधिकारी शामिल थे। बेनी वर्मा ने कर्नाटक में इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए रूस की हाल की पहल को उत्साहवर्धक कदम बताया और कहा कि इसे भारत सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। इस्पात मंत्री ने रूस से अनुरोध किया कि वह भारतीय इस्पात उद्योग की कोयले जरूरत को पूरा करने के लिए सहयोग करने के बारे में विचार करे। दोनों पक्ष भारत और रूस के बीच कोयले और खनन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अवसरों का पता लगने पर सहमत हो गए।