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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राज्यों में स्वास्थ्य विभागों के अधीन चल रहीं केंद्रीय स्कीमों की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने जिन कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से कार्यांवित किए जाने की अपील की उनमें कैंसर निवारण संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम, मधुमेह, हृदय-वक्ष रोग, बुजुर्गों की देखरेख का राष्ट्रीय कार्यक्रम, 'आशाद' से घर-घर जाकर परिवार नियोजन सामग्री और किफायती सेनिटरी नेपकिंस के वितरण की योजनाएं, स्त्रियों की निजी सफाई को प्रोत्साहित करने की योजना, मां और बच्चे की कल्याण योजना और उन्हें रोगों से बचाने वाले टीके लगाने की योजना आदि प्रमुख हैं।
आजाद ने कहा गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण और निवारण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है, इसके लिए ऐसा स्वास्थ्य तंत्र विकसित करने का लक्ष्य है, जो बीमारियों से निदान, बचाव और उनका प्रबंधन कर सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आजाद ने कहा कि गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के कार्यक्रमों पर खर्च बढ़ रहा है और इनके निदान और इलाज के लिए जल्दी से जल्दी काम शुरू होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि मधुमेह, कैंसर, हृदय-वक्ष रोग और श्वास रोग महामारी की तरह दुनिया-भर में फैल रहे हैं और भारत इसका कोई अपवाद नहीं है, इन बीमारियों के चलते मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है और कुल बीमारियों में से दो तिहाई हिस्सा इन रोगों का है। आजाद ने कहा कि वृद्धजनों की देखभाल का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है और हम यह कार्यक्रम 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 640 जिलों में चलाना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि इस संबंध में वे फील्ड से प्राप्त जानकारी और फीडबैक भेजते रहें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा 65 कैंसर केंद्र खोले जाने का प्रस्ताव है, इसके लिए उन्होंने राज्यो के स्वास्थ्य सचिवों से जल्दी से जल्दी प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया। इस बैठक में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सुदीप बंद्योपाध्याय और पीके प्रधान और मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।