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नई दिल्ली। सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने 25 मार्च, 2011 को आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की पिछली बैठक में देश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अल्पावधि तथा दीर्घावधि उपायों के सुझाव के लिए 5 अलग-अलग कार्य समूहों का गठन किया था। इन पांच कार्य समूहों ने सड़क सुरक्षा के चार पहलुओं यानी शिक्षा, क्रियान्वयन, अभियांत्रिकी और आपातकाल सेवा पर कार्य किया। शिक्षा, अभियांत्रिकी (सड़क), अभियांत्रिकी (वाहन), आपातकाल सेवा तथा क्रियान्वयन पर कार्य समूहों ने अपनी-अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है। फिलहाल मंत्रालय इनकी सिफारिशों का निरीक्षण कर रहा है, इसके बाद इन सिफारिशों पर विचार-विमर्श तथा अंतिम रूप दिए जाने के लिए इसे राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के समक्ष पेश किया जाएगा।
वर्ष 2009 के दौरान देश में 4.9 लाख सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 1,25,660 लोगों की जाने गईं तथा 5 लाख से अधिक लोग घायल हुए, यानी कहा जाए तो हर एक मिनट में एक सड़क दुर्घटना हुई तथा हर चार मिनट में सड़क दुर्घटना से एक व्यक्ति की मृत्यु। विश्व के सभी देशों की तुलना में हमारे देश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र ने मौजूदा दशक को सड़क सुरक्षा पर कार्रवाई करने के रूप में घोषित किया है तथा सभी सदस्य देशों से इस पर एक कार्य योजना तैयार करके उसे कार्यान्वित करने का आह्वान किया है।
कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें इस प्रकार हैं| शिक्षा पर गठिन कार्य समूह की सिफारिशें-2010 को आधार वर्ष मानते हुए 2020 तक सड़क दुर्घटनाएं आधी हो जानी चाहिएं। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति तथा सहायक कानूनों का गठन। इंजीनियरिंग (सड़क) पर गठित कार्य समूह की सिफारिशें-सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग पर आईआरसी मानक के अनुसार संकेतक तथा सड़क चिह्नांकन होना चाहिएं। समूचे राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्य राजमार्ग तंत्र के लिए सड़क सुरक्षा की लेखा परीक्षा पूरी होनी चाहिएं।
इंजीनियरिंग (वाहनों) पर गठिन कार्य समूह की सिफारिशें-पैसिव सेफटी, सक्रिय सुरक्षा तथा सामान्य सुरक्षा से संबंधित ज़रूरतों को नियोजित ढंग से सम्मिलित करना चाहिए। वाहनों के डिज़ाइनों में सुधार आपातकाल सेवा पर गठिन कार्य समूह की सिफारिशें-मौजूदा योजनाओं की समीक्षा तथा लेखा परीक्षा-राष्ट्रीय दुर्घटना राहत नीति तथा राष्ट्रीय ट्रॉमा प्रणाली कार्य को प्रस्तुत करना कार्यान्वयन पर गठिन कार्य समूह की सिफारिशें-मोटर वाहन अधिनियम 1988 का संशोधन-सड़क सुरक्षा से संबंधित चीज़ों जैसे हेल्मेट, सीट बेल्ट का इस्तेमाल।