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कोयला उत्‍पादक राज्‍यों में भूमि अधिग्रहण

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नई दिल्ली। नवंबर 2011 में झारखंड, ओडि़शा तथा छत्तीसगढ़ के मुख्‍य सचिवों के साथ बैठकें की गईं, जिससे खनन परियोजनाओं की वन तथा पर्यावरण संबंधी बकाया स्‍वीकृति पर शीघ्र कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, इन समस्‍याओं का समाधान करने के लिए जो कार्रवाईयां की जा रही हैं, वे इस प्रकार हैं-शीघ्र अधिग्रहण कार्यवाइयां करने के लिए राज्‍य सरकार के अधिकारियों के साथ भरसक अनुवर्ती कार्रवाई करना।
स्‍थानीय समस्‍याओं के समाधान के लिए भूमि राजस्‍व आयुक्‍त, भूमि राजस्‍व सचिव जैसे राज्‍य प्राधिकारियों के साथ नियमित बैठकें करना।
वन अधिकारियों से जिला स्‍तर पर नियमित आधार पर संपर्क किया जाता है ताकि अपेक्षाएं पूरी की जा सकें और उनकी पूछताछ के स्‍पष्‍टीकरण दिए जा सकें। पर्यावरण और वन मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ मामलों पर शीघ्र कार्रवाई करने के लिए आवधि‍क समीक्षाएं की जा रही हैं।
कोयला और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने लोक सभा में आगे बताया कि पुन: स्‍थापन स्थल के चयन के लिए भूमि के मामलों, ग्राम‍वासियों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है ताकि शीघ्र स्‍थानांतरण के लिए उन्‍हें समझाया जा सके। उन्होंने बताया कि कोयले की घटती उपलब्धता के परिदृश्य में ठोस कोक विनिर्माण इकाइयों सहित गैर-स्थायी संयोजन समिति (दीर्घावधि) वर्ग के तहत नवीन उपभोक्ताओं के लिए कोयले की आपूर्ति को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) बोर्ड ने मंज़ूरी नहीं दी है। 
कोयला मंत्री ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की विभिन्‍न सहायक कंपनियों के खनन क्षेत्रों में पाँच मेडिकल कॉलेज स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है। इसके लिए चिह्नित स्‍थानों में तलछर, रांची, धनबाद और मनेंद्रगढ़ शामिल हैं।
कोयला संसाधनों का पुनर्गठन-कोयला मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव की अध्‍यक्षता में अंतर मंत्रालय कार्यबल की रिपोर्ट में स्‍पंज लौह इकाईयों, सीमेंट और बिजली के लिए कोयला आपूर्तियों के वर्तमान स्रोतों के पुनर्गठन पर विचार के लिए 9 उर्जा संयंत्रो, स्‍पंज संयंत्रो, सीमेंट संयंत्रो के मौजूदा स्रोतों के पुनर्गठन के लिए सिफारिश कर दी गई है। रिपोर्ट में 12 उर्जा संयंत्रो के संदर्भ में कोयला आपूर्ति स्रोतों के पुनर्गठन की भी सिफारिश की गई है।  कोल इंडिया लिमिटेड को इन सिफारिशों के कार्यान्‍वयन के लिए आवश्‍यक कदम उठाने की सलाह दे दी गई है। कोल इंडिया अपने हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस पर कार्य करेगी।

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