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नई दिल्ली। न्यायपालिका की बुनियादी ढांचा सुविधाओं के विकास के वास्ते राज्य सरकारों के संसाधनों के उद्देश्य से 1993-94 से ही एक केंद्र प्रायोजित स्कीम चलाई जा रही है। अधीनस्थ न्यायालयों में बुनियादी ढांचे की अपर्याप्तता को ध्यान में रखते हुए न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के विकास के वास्ते केंद्र प्रायोजित योजना के लिए आंवटन को 110 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 542.90 करोड़ रूपए कर दिया गया है।
न्याय प्रदायिगी और कानूनी सुधारों के वास्ते राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत स्कीम को संशोधित किया गया है और केंद्रीय हिस्से को 50:50 से बढाकर 75:25 के अनुपात में रखा गया है। पूर्वोत्तर के लिए हिस्सा 90:10 के अनुपात में रखा गया है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 90 प्रतिशत है। संशोधित स्कीम में केवल जिला और अधीनस्थ न्यायालयों को ही लिया गया है क्योंकि योजना आयोग ने नये उच्च न्यायालयों की इमारतों के निमार्ण के वास्ते ही प्रस्तावों की धनराशि की स्वीक़ृति दी है। इसके तहत केंद्र के अंशदान का हिस्सा 30:70 के अनुपात में अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के साथ रहेगा।
संशोधित स्कीम में केवल जिलों और अधीनस्थ न्यायालयों को ही रखा गया है क्योंकि योजना आयोग ने अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के साथ नये उच्च न्यायालय की इमारतों के निमार्ण के वास्ते ही प्रस्तावों के लिए धनराशि देने का अनुमोदन किया है जो 30:70 के अनुपात में रहेगा जिसमें से केंद्र का योगदान 30 प्रतिशत रखा गया है। उच्चतम न्यायालय, बुनियादी ढांचा प्रावधानों की प्रगति के साथ-साथ अधीनस्थ न्याय पालिका की प्रगति की निगरानी एवं राज्यों और केंद्र स्तर पर अनुश्रवण समितियों की भी निगरानी रखता है।
अधीनस्थ न्यायपालिका के बुनियादी ढांचा की पूर्णता का प्रस्तावित दृष्टिकोण मिशन के अंतर्गत प्रमुख कार्यक्रम होगा। राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे पूर्णता के लिए स्पष्ट समय रेखा के साथ-साथ निमार्ण, पूर्णता के वास्ते योजनाओं को भी निर्धारित करे। अधीनस्थ न्यायालयों के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता के ताजा आंकलन से पता चला है कि इसके लिए 7,346 करोड् रू. तक की धनराशि की आवश्यकता थी। वर्ष 2011-12 के दौरान 542.90 करोड़ रूपए की धनराशि पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। यह अनुमान लगाया गया है कि राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान कम से कम 5,000 करोड़ रूपए की आवश्यकता होगी।
स्कीम की शुरूआत से लेकर 2010-11 तक राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 1,247.36 करोड़ रूपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। ग्यारहवीं योजना अवधि (2007-12) के लिए 701.08 करोड़ रूपए के परिव्यय के वास्ते 11वीं पंचवर्षीय योजना के शुरूआती वर्षों के दौरान राज्य सरकारों को 549.01 करोड़ रूपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। वर्ष 2011-12 की योजना के लिए परिव्यय 542.90 करोड़ रूपए है जिसमें से 224.19 करोड़ रूपए अब तक जारी किये जा चुके हैं।