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नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को चार भूकंपीय जोनों अर्थात जोन– II, III, IV तथा V में बांटा है। इनमें से, जोन V सबसे अधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है, वहीं जोन II सबसे कम सक्रिय क्षेत्र माना जाता है। इस क्षेत्रीकरण के आधार पर पूरी दिल्ली का क्षेत्र भूकंपीय जोन IV में आता है और इस वर्गीकरण के आधार पर दिल्ली क्षेत्र को ‘प्रबल तीव्रता वाले जोन’ के रूप में चिन्हित किया गया है तथ मोटे तौर पर इसे मॉडिफाइड मर्कली तीव्रता स्केल पर VIII तीव्रता वाले भूकंप के अधिकतम प्रभावों के साथ जोड़ा गया है।
सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का 1:50000 स्केल पर प्रथम चरण का भूकंपीय सूक्ष्म क्षेत्रवार अध्ययन पूरा कर लिया है। भूकंप से होने वाले संपत्ति तथा जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए भूकंपीय सूक्ष्म क्षेत्रवार मानचित्र, भूमि उपयोग, योजना, क्षेत्र विशेष के डिजाइन को बनाने तथा इमारतों और ढांचों के निर्माण संबंधी मानदंड को नियमबद्ध करने के लिए उपयोगी है। स्कूली बच्चों तथा आम जनता को भूकंप, उनके प्रभाव तथा भूकंप से हुए नुकसान को कम करने के लिए सरकार के कदमों के बारे में जानकारी देने तथा जागरुकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित किए गए हैं।