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खाड़ी देशों में भारतीय महिलाओं का शोषण

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नई दिल्‍ली। प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री वयलार रवि ने गुरूवार को राज्‍यसभा को बताया कि भारतीय मिशनों को, महिला कामगारों, विशेषत: नौकरानियों से, वेतन का भुगतान न करने, कार्य की लंबी अवधि, रहने की प्रतिकूल परिस्‍थितियों, शारीरिक शोषण, छुट्टी देने या निकास, पुन: प्रवेश परमिट, अंतिम वीजा आदि देने से मना करने के लिए शिकायतें प्राप्‍त होती हैं। सरकार ने ईसीआर श्रेणी वाली महिला उत्‍प्रवासी कामगारों, जो 17 अधिसूचित (ईसीआर) देशों में उत्‍प्रवास करती हैं, की सुरक्षा और कल्‍याण की रक्षा करने के लिए कई उपाय किए हैं।
उपायों के अनुसार ऐसी सभी महिला कामगारों के संबंध में 30 वर्ष के आयु प्रतिबंध को अनिवार्य बना दिया गया है। इस प्रकार की सभी महिलाओं के संबंध में भारतीय मिशनों द्वारा रोजगार संविदा को विधिवत सत्‍यापित कराना चाहिए। महिला घरेलू कामगारों को विदेशी नियोक्‍ता की पहचान और संविदा के निबंधन और शर्तों को भारतीय मिशन से सत्‍यापित करा लेने के बाद ही, उत्‍प्रवास करने की अनुमति है।
नियोक्‍ता को प्रत्‍येक महिला घरेलू कामगार को एक प्री-पेड मोबाइल सुविधा प्रदान करनी होती है, यदि विदेशी नियोक्‍ता सीधे ही कामगार की भर्ती करता है तो उसे भारतीय मिशन के पास 2500 डालर की सुरक्षा राशि जमा कराने की आवश्‍यकता होती है। मंत्रालय ने उत्‍प्रवासी कामगारों, भावी उत्‍प्रवासियों, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, को उत्‍प्रवास संबंधी सभी मामलों की सूचना प्राप्‍त करने और अपनी शिकायतों का हल प्राप्‍त करने के लिए सक्षम बनाने हेतु एक चौबीस घंटे हेल्‍पलाइन के साथ प्रवासी कामगार स्रोत केंद्र की स्‍थापना की है।
मंत्रालय, भावी उत्‍प्रवासी कामगारों, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, को वैध उत्‍प्रवास प्रक्रिया और अवैध उत्‍प्रवास के जोखिमों के बारे में सचेत करने हेतु, प्रिंट और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया के माध्‍यम से जागरूकता अभियान चलाता है। सभी भारतीय दूतावासों, मिशनों, जिसमें सभी ईसीआर देश भी शामिल हैं, में भारतीय समुदाय कल्‍याण कोष की स्‍थापना की गयी है। सभी भारतीय कामगारों, जो असहाय हैं और जिन्‍हें सहायता की आवश्‍यकता है, को भारतीय मिशन इस कोष से वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।

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