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ऑनलाइन मीडिया का चुनाव आयोग में महत्व

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नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने इंटरनेट पर लोकप्रिय सामाजिक मीडिया के माध्‍यम से नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं को चुनावी प्रक्रिया के साथ जोड़ने एवं उसमें मतदाताओं की भागीदारी के लिए सामाजिक मीडिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। आयोग के क्रमबद्ध मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता प्रभाग 'स्‍वीप' की पहल पर अभी हाल में स्‍थापित भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र संस्‍थान एवं चुनाव प्रबंधन (आईआईडीईएम) में यह कार्यशाला आयोजित की गई। इसका उद्घाटन मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त डॉ एसवाई कुरैशी ने किया। चुनाव आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारियों, राज्‍यों के मुख्‍य चुनाव अधिकारियों, गुग्‍गल, यूनिसेफ, विश्‍वविद्यालयों, विज्ञापन एजेसिंयों, मीडिया ग्रहों, एनएसएस, सरकारी संगठनों एवं अन्‍य प्रख्‍यात संस्‍थानों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 70 सहभागियों ने इसमें भाग लिया।
चुनाव आयोग की पहली बार आयोजित ऐसी कार्यशाला में फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, ब्‍लोग्‍स आदि जैसे इंटरनेट आधारित सामाजिक मीडिया में चुनाव आयोग की संलिप्‍ता के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने निर्वाचन लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए मतदाताओं की अधिक भागीदारी एवं नीति विषयक मतदान पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि आयोग ने मतदाता शिक्षा एवं व्‍यय नियंत्रण पर मजबूत विषयसूची विकसित की है और उसे लागू किया है। उन्‍होंने मतदाताओं से चुनाव प्रक्रिया में अधिक संख्‍या में भाग लेने और अच्‍छे प्रत्‍याशियों को चुनने का आह्वान किया । उन्‍होंने विभिन्‍न आय समूहों के पंजीकरण अंतरों को भरने, लिंग भेद घटाने एवं अधिक मतदाताओं के मतदान में भाग लेने के लिए कठोर अभियान चलाए जाने की भी घोषणा की। चुनाव आयुक्‍त वीएस संपत ने सामाजिक मीडिया को पूर्ण संभावनाओं से युक्‍त नया क्षेत्र बताया। उन्‍होंने यह आशा व्‍यक्‍त की कि आयोग के लक्ष्‍यों एवं उद्देश्‍यों को आगे बढ़ाने में सामाजिक मीडिया का विशिष्‍ट योगदान होगा।

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