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भगवान दास मोरवाल को इंदु शर्मा कथा सम्मान

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इंदु शर्मा कथा सम्मान-indu sharma katha samman

लंदन ।ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में एक गरिमामय समारोह में हिंदी के सुपरिचित कथाकार भगवानदास मोरवाल को ब्रिटेन के सांसद और पूर्व आंतरिक सुरक्षा राज्य मंत्री टोनी मैक्नल्टी ने 15वां अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान प्रदान किया। मोरवाल को यह सम्मान उनकी अनुपस्थिति में दिया गया, उनकी ओर से उनके मित्र और दिल्ली के सांस्कृतिक पत्रकार अजित राय ने यह सम्मान प्राप्त किया। भगवानदास मोरवाल किसी कारणवश पुरस्कार लेने लंदन नहीं आ सके। यह सम्मान उनके नवीनतम उपन्यास रेत (राजकमल प्रकाशन) के लिये दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने ब्रिटेन के हिंदी लेखकों के लिये स्थापित पद्मानंद सम्मान ब्रिटिश हिंदी कवि मोहन राणा को उनके ताज़ा कविता संग्रह धूप के अन्धेरे में (सूर्यासेत्र प्रकाशन) के लिये प्रदान किया। इस सम्मान का यह दसवां साल है।
टोनी मैक्नल्टी ने लंदन एवं ब्रिटेन के अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए एशियाई लेखकों और ब्रिटिश साहित्य प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा संगीत की तरह होती है। यदि आप किसी दूसरे की भाषा समझते हैं तो आप ज़िन्दगी की लय को समझ सकते हैं। दूसरों की भावनाओं को समझ सकते हैं। भाषा में आप सपने रच सकते हैं। इस तरह भाषा के माध्यम से आप मनुष्यता तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने हिंदी में अपना भाषण शुरू करते हुए कहा की भाषाओं के माध्यम से हम सभ्यताओं के बीच संवाद स्थापित कर सकते हैं। भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं बल्कि आपकी पहचान होती है। उन्होंने कहा कि कथा यूके पिछले कई वर्षों से ब्रिटेन में बसे एशियाई समुदाय के बीच भाषा और साहित्य के माध्यम से संवाद स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
हाउस ऑफ़ लॉर्डस में भारतीय मूल के सांसद लॉर्ड तरसेम किंग ने कहा कि ब्रिटेन जैसे देश में सारी भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं। अंग्रेज़ी जानना हिंदी का विरोध नहीं है। उन्होंने कहा कि कथा यूके भाषा और साहित्य के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं के बीच समन्वय का काम कर रही है। लेबर पार्टी की काउंसलर और कथा यूके की सहयोगी संस्था एशियन कम्यूनिटी आर्ट्स की अध्यक्ष ज़कीया ज़ुबैरी ने भगवानदास मोरवाल के पुरस्कृत उपन्यास रेत का परिचय देते हुए कहा कि लेखक ने काफ़ी शोध के बाद एक ऐसी कथा पेश की है जिसका समाजशास्त्रीय अध्ययन किया जाना चाहिए। इस उपन्यास में कंजर जाति की स्त्रियों के जीवन संघर्ष का ऐसा प्रमाणिक चित्रण है कि पाठक चकित रह जाता है।
लंदन में नेहरू सेंटर की निदेशक मोनिका कपिल मोहता ने कहा कि कथा यूके को अब ब्रिटेन के साथ साथ युरोप, अमरीका और अन्य देशों में भी अपनी गतिविधियों की नेटवर्किंग करनी चाहिए। भारतीय उच्चायोग में मंत्री समन्वय आसिफ़ इब्राहिम ने कहा कि भाषा एवं संस्कृति के बिना जीवन अधूरा है, इसे बचाने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। उच्चायोग के हिन्दी एवं संस्कृति अधिकारी आनंद कुमार ने कथा यूके के प्रयासों की सराहना करते हुए विदेशों में हिंदी के नाम पर हो रही गतिविधियों में गंभीरता और गुणवत्ता लाने की वक़ालत की।
कथा यूके के महासचिव तेजेंद्र शर्मा ने 15 वर्षों की कथा-यात्रा को याद करते हुए कहा कि मुंबई से शुरू हो कर हम ब्रिटेन की संसद तक पहुंचे हैं। अब हम अपनी गतिविधियों को नया विस्तार देना चाहते हैं। कथा यूके आने वाले दिनों में विदेशों में और भारत में हिंदी भाषा और साहित्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है। इससे विश्व स्तर पर हो रहे निजि प्रयासों की नई नेटवर्किंग सामने आएगी।
कथा यूके के इस आयोजन में हिंदी, उर्दू, पंजाबी, गुजराती एवं अंग्रेज़ी भाषा के लेखक बड़ी संख्या में शामिल हुए। पूर्व पद्मानंद सम्मान विजेता डा गौतम सचदेव, दिव्या माथुर एवं गोविंद शर्मा के अतिरिक्त समारोह की गरिमा बढ़ाने के लिये मधुप मोहता, प्रो अमीन मुग़ल, प्रो जगदीश दवे, बलवंत जानी (भारत), केसी मोहन (प्रलेस-पंजाबी), डा इतेश सचदेव (सोआस विश्विद्यालय), कैलाश बुधवार, डा नज़रूल इस्लाम, अचला शर्मा, वेद मोहला, ग़ज़ल गायक सुरेंद्र कुमार एवं इंद्र स्याल, भारत में इलाहबाद हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर नारायण सक्सेना, अनुज अग्रवाल (सूर्यास्त्र प्रकाशन), डा हबीब ज़ुबैरी, महेंद्र दवेसर, जय वर्मा, डा महीपाल वर्मा, विभाकर बख़्शी और रमेश पटेल मौजूद थे।
इस अवसर पर मोहन राणा ने सम्मान स्वीकार करते हुए अपनी नई कविताओं का पाठ किया। पुरस्कृत उपन्यास रेत उपन्यास पर सुशील सिद्धार्थ एवं मोहन राणा के काव्य संकलन धूप के अंधेरे में पर गोविंद प्रसाद के आलेखों का पाठ किया गया। इंदु शर्मा की पुत्री दीप्ति कुमार ने भगवानदास मोरवाल और ललित मोहन जोशी ने मोहन राणा का परिचय दिया। मधु अरोड़ा (मुंबई) ने कथा यूके 15 वर्षों की यात्रा का विवरण दिया। सरस्वती वंदना जटानील बैनरजी ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन सनराइज़ रेडियो के लोकप्रिय कलाकार रवि शर्मा ने किया।

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