योगेश मिश्रा
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राज्य के लोकप्रिय राजनेताओं में माने जाते हैं। पिछले तीस वर्षों से सक्रिय राजनीति में विभिन्न जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। पचास वर्षीय बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर शहर से पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। पांचवी बार उन्होंने रायपुर दक्षिण विधान सभा क्षेत्र से चुनाव जीता है। अपना राजनीतिक सफ़र छात्रनेता के रूप में शुरू करने वाले अग्रवाल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए और उस समय भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष बने। पहली बार वे सन् 1990 से 1992 तक अविभाजित मध्य प्रदेश में सुंदर लाल पटवा सरकार के राज्य मंत्री बने। सन् 1997 में मध्य प्रदेश विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक के सम्मान से नवाज़े गए। इसके बाद सन् 2003 में डॉ रमन सिंह की सरकार में गृह, जेल, राजस्व, विधि-विधायी, वन, पर्यटन एवं संस्कृति और खेल एवं युवक कल्याण मंत्री बने। इस समय भी वे डॉ रमन सिंह की सरकार में लोकनिर्माण, स्कूल शिक्षा, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, संसदीय कार्य और पर्यटन मंत्री हैं। उनसे एक मुलाकात।
आपका राजनीति जीवन काफी अनुभव वालाहै,
हां!मेरी राजनीति की शुरुआत स्टूडेंट लाइफ से हुई। उस दौर में मैने छात्रों से जुड़ी बहुत सी समस्याओं को देखा और उनके निराकरण के लिए संघर्ष किया। बहुत जल्द मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गया। मेरी विचारधारा बीजेपी से मिलती थी। मुझे सदैव यह प्रतीत होता था की अगर देश के लिए और जनमानस के लिए कोई संगठन अथवा पार्टी सोचती है तो वह है बीजेपी है। अटल बिहारी वाजपेयी जी का देश के प्रति समर्पण भाव और उनकी सोच का मैं शुरू से ही कायल था। वाजपेयी जी और राजमाता विजया राजे सिंधिया से भी ख़ासा प्रभावित रहा। यही वजह थी कि मैने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
आप रायपुर शहर से लगातार पांचवी बार विधायक चुने गये है,
लोग जब अपनी कोई समस्या लेकर आते हैं तो मैं हमेशा प्रयत्न करता हूं कि उसका समाधान कर सकूं परंतु जिस समस्या का समाधान संभव नही होता उसके लिए संघर्ष करने को भी हमेशा तत्पर रहता हूं इसलिए कि लोगों के दुख-दर्द का भागीदार बन सकूं। इससे लोगों से अपनापन बढ़ता है। मेरा यह मानना है कि जनप्रतिनिधि और जनता के बीच कोई दूरी नही होना चाहिए और इस सिद्धांत का मैं हमेशा ही पालन करता हूं, शायद इसलिए।
इसीलिए विपक्षी नेताओं में भी आप, उतने ही लोकप्रिय हैं?
तीस सालों से राजनीति में हूं मेरा विपक्ष के सदस्यों से प्रारंभ से ही जीवंत संपर्क रहा है राजनीति को मैने व्यवसाय न बनाकर सेवा का माध्यम बनाया है क्योंकि मैने कभी व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर राजनीति नही की बल्कि हमेशा से ही जनहित के मसलों पर लेकर ही संघर्ष छेड़ा है। मेरे राजनैतिक प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं, परंतु व्यक्तिगत दुश्मन कोई नही हैंऔर इसी वजह से लोगों का सहयोग मुझे लगातार मिलता रहा है। मेरे पिता भी सामाजिक क्षेत्र मे हमेशा से ही सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं जिससे मुझे लगातार प्रेरणा मिलती रही है।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के लिए क्या योजनाएं हैं?
आठ साल पहले इस राज्य में पर्यटन शून्य के बराबर था। दरअसल ज़ीरो से दस तक पहुंचने में बहुत समय लगता है परंतु दस से सौ तक आप तेज़ी से पहुंच सकते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में पहले हमारा लक्ष्य था दस के स्तर को छूने का जिसे हमने सफलतापूर्वक छू लिया है। अब हमें लंबी छलांग लगानी है। हमने पर्यटन केविकास परकरीब 150-200करोड़ रुपए इनवेस्ट किए हैं जिससे लोगों को आने वाले छह महीनों में पर्यटन से संबंधित सुविधाएं मिलनी शुरू होजाएंगी। हमारा राज्य अंतर्राराष्ट्रीय पर्यटन मेलों में अपनी उल्लेखनीयउपस्थिति दर्ज करा रहा है।हम मानते हैं कि आने वाले समय में ईको टूरिज़्म का बोलबाला होगा और देश में छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जहां ईको टूरिज़्म के विकास की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। पिछले पांच सालों में पर्यटन के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में भरपूर प्रचार-प्रसार किया गया है फिर भीछत्तीसगढ़ को टूरिज़्म के रूप में विकसित करने में थोड़ा वक्त और लगेगा।
नक्सलवाद का पर्यटन पर प्रभाव पड़ सकता है,
देखिए,वस्तुस्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में नक्सलवाद का कोई ख़तरा नही है।परंतु जब राज्य के किसी हिस्से में कोई नक्सली घटना होती है तो लोगों के मन में यह अज्ञात भय जरूर समा जाता है कि पूरा प्रदेश नक्सलवाद से ग्रसित है। दरअसल इस तरह के भय से लोगों को मुक्त कराना ज़रूरी है। इसमे मीडिया को भी सार्थक भूमिका अदा करनी चाहिए ताकि पर्यटक निर्भय होकर छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों का आनंद ले सकें।
आप स्कूल शिक्षा मंत्री भी हैं आपके स्कूलों में शिक्षा का क्या हाल है?
हमने समतुल्यता कार्यक्रम भी प्रारंभ किया है जिसके अंतर्गत जिन लोगों ने पहली,दूसरी या तीसरी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी है वे सीधे पांचवी की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।इसी तरह जिन्होंने पांचवी कक्षा के बाद पढ़ाई नही किया वे सीधे आठवीं की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।इस कार्यक्रम की ख़ासियत यह है कि परीक्षार्थीयों को एक परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए छह मौके मिलेंगे जिससे कि लोगों में जागरूकता पैदा हो सके और इसके लिए हम व्यापक रूप से प्रचार प्रसार भी कर रहे हैं। साक्षरता के अभियान में तेज़ी लाने के लिए हमने हर एक किलोमीटर पर प्राथमिक शाला खोलने का भी निर्णय लिया है।बच्चों को मुफ़्त में कॉपी-किताब उपलब्ध कराने के अलावा मुफ़्त भोजन और स्कूल ड्रेस का भी प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने ग़रीबों को एक रुपए और दो रुपए किलो में चावल भी वितरित करना शुरू कर दिया है ताकि वे बच्चों को कमाने के लिए ले जाने के बजाए पढ़ने के लिए स्कूल भेजें।
लोकनिर्माण विभागमें कोई ख़ास कार्य योजना ?
वर्तमान में प्रदेश में जो बड़ी सड़कें हैं, वे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन हैं,परंतु प्राधिकरण से फंडिंग नही होने के कारण बहुत से कार्य पूर्ण नही हो पाए हैं।इसीलिए हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि यदि वह प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण नही करा पा रही है तो राज्य सरकार को इसका अधिकार दे और हम इन निर्माण कार्यों को बीओटी (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर)के तहत सम्पन कराएंगे।इस संबंध में हमने केंद्र सरकार को अनुमति के लिए पत्र भी भेजा है और हमें एक-दो सड़कों के निर्माण के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल गई है। इसी प्रकार हमने वर्ल्ड बैंक से भी लोन लेकर प्रदेश में सड़कों का पर्याप्त नेटवर्क फैलाने का निर्णय लिया है।
राजधानी से एक चार लेन सड़क गोल्डन क्वाड्रिलेटरल से जुड़नी चाहिए,
देखिए,गोल्डन क्वाड्रिलेटरल जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयीजी कीसरकार की देन है।परंतु केंद्र में यूपीए सरकार के आने के बाद सेयह परियोजना गति नही पकड़ पा रही है।आलम यह है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों का बराबर रख-रखाव भी नही कर पा रही है जिसकी वजह से सड़कों का निर्माण बीओटीके तहत करना पड़ रहा है।
कलाकारों और साहित्यकारों केलिए क्यासोचते हैं?
हम बहुआयामी सांस्कृतिक संस्थान का निर्माण करेंगे जहां पर प्रदेश के उभरते कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और स्थापित कलाकारों को अभ्यास करने का मौका मिलेगा। यह संस्थान एक ऐसा मंच होगा जहां पर राष्ट्रीय औरअंतर्राराष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक आयोजनआसानी से कराए जा सकेंगे।इस संस्थान में प्रदेश के सभी कलाओं को बराबर महत्व मिलेगा। हम चाहते हैं कि हमारे प्रदेश के कलाकार आर्थिक रूप से सक्षम हों जिसके लिए उन्हें इस संस्थान के रूप में एक ऐसा मंच मिलेगा जिससे उनकी प्रतिभा को व्यापक पहचान मिलेगी।हम प्रतिभावान स्थानीय कलाकारों को समय समय पर देश औरविदेश में आयोजित सांस्कृतिक महोत्सवों में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए भी भेजते हैं।हमने कुछ ही समय पूर्व छत्तीसगढ़ के कलाकारों को न्यूयॉर्क में भारत दिवस के अवसर पर कला प्रदर्शन के लिए भेजा था।
विभिन्न कलाओं से संबंधित कोई कोर्स भी प्रारंभ करेंगे?
अभी हम उस स्थिति में नही हैं।पहले तो हमारे कलाकार अपग्रेड हो जाएं और उन्हें अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर मिले उसके बाद हम किसी प्रकार का कोर्स प्रारंभ करने की सोच सकते हैं।
चलते चलते,आपकी राजनीतिकमहत्वाकांक्षा?
राजनीति में महत्वाकांक्षा नही होती,निर्णय होते हैं। हमारे बारे में निर्णय हम नही लेते बल्कि,संगठन लेता है औरपार्टी लेती है।मैं कर्मवादी हूं और जो काम मुझे मिला है उसे मैं समर्पित भाव से करता हूं।