स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
रायपुर। साहित्य अकादमी के सदस्य और व्यंग्यकार गिरीश पंकज के व्यंग्य लेखन पर शोध कार्य हो रहा है। साहित्य एवं पत्रकारिता में पिछले तीस साल से सक्रिय गिरीश पंकज के व्यंग्य लेखन पर शोध कार्य होने लगे हैं। यह एक अच्छा समाचार है क्योंकि इससे पता चलता है कि साहित्य के प्रति निराशा और उपेक्षा के बादल छटते दिखायी दे रहे हैं। गिरीश पंकज के व्यंग्य लेखन में शोध पर काम करना अपने में एक बड़ा शोध है।
कर्नाटक के शिक्षक नागराज अट्टहास सम्मान सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त गिरीश पंकज के व्यंग्य साहित्य पर पीएचडी कर रहे हैं तो पंजाब की दीपिका पालीवुड की अप्सरा पर एमफिल कर रही है। पंकज का व्यंग्य साहित्य पर अब तक पांच लोग शोधकार्य कर चुके है। गिरीश पंकज का उपन्यास पालीवुड की अप्सरा और माफिया का कन्नड़ में अनुवाद भी हो रहा है। पत्रकारिता पर केन्द्रित उपन्यास मिठलबरा की आत्मकथा का उड़िया एवं तेलुगु में अनुवाद हो चुका है। सम्प्रति साहित्य अकादेमी, दिल्ली के हिंदी परामर्श मंडल एवं सामान्य सभा के सदस्य पंकज साहित्यिक पत्रिका सद्भावना दर्पण का गत तेरह वर्षो से संपादन कर रहे है।