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नई दिल्ली। विश्व की दूसरी अग्रज वाहन निर्माता एवं सबसे बड़ी निर्यातक कम्पनी हुंडई ने कारपोरेट सामाजिक दायित्व के अन्तर्गत चेन्नई में नवस्थापित हुंडई ड्राइविंग स्कूल में प्रशिक्षत 19 चालकों को सम्मानित किया। कंपनी का मकसद कारखाने के आस-पास स्थित गावों में आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं को आजीविका के अवसरों को प्रोत्साहन प्रदान करना है। बारह लाख रूपये के वार्षिक निवेश के साथ कारखाना परिसर में स्थित इस ड्राइविंग स्कूल के प्रशिक्षुओं मे से 4 समूहों को प्रत्येक वर्ष समायोजित करने एवं 100 युवा अनुशासित चालक तैयार करने की योजना है।
इस अवसर पर एचएमआईएफ के सलाहकार एस गणपति ने बताया कि एचएमआईएफ ने महसूस किया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, सड़क सुरक्षा को बढावा देने, सुरक्षित वाहन चालक एवं सुरक्षा नियमो की जानकारी उपलब्ध कराने और वाहन चालकों मे शिष्टाचार की जरूरतों को देखते हुये इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है।इसके अलावा कम्पनी ने वाहन चालक प्रशिक्षण के लिये गहन पद्घतियों का विकास किया है जो कि नये चालकों को रोड सुरक्षा के नियम समझने मे सरल होंगी। चालकों को ट्रेनिंग के अलावा कार्यशाला में अनुरक्षण की भी जानकारी दी जाती है।
कार्यक्रम की सफलता के लिये चालकों को सुरक्षा चिन्हों को समझाकर योगासन की बारिकियों से उन्हें अनुशासित चालन का पाठ पढ़ाया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को कम्पनी वर्दी, सुरक्षा जूतें और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराती है जिससे वे अपने आप को कम्पनी से जुड़ाव महसूस कर सकें। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें अनुशासित चालन का प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के लिये क्रियात्मक एवं व्यवहार योग्य के 40 प्रतिशत अंको के साथ परीक्षा पास करनी होती है। हुंडई का मानना है कि इस आरम्भिक छोटे से प्रयास से समाज की जान-माल की सुरक्षा की दृष्टि से अनुशासित एवं सुरक्षित यातायात की बढ़ावा मिलेगा।