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लखनऊ। इंटरनेशानल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशन (आईआईएसई) लखनऊ मेंपीजीडीएम प्रोग्राम के 13वें बैच का वैदिक परंपरा से दीक्षांत समारोह हुआ। दीक्षांत समारोह आईआईएसई की उस परंपरा को जीवित रखे हुए है जो नालंदा विश्वविद्यालय के शिक्षा संस्कार का अभिन्न अंग है। दीक्षांत समारोह में 84 पूर्णकालिक और 43 अंशकालिक डिग्रियां दी गईं। पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में अनुपमा मिश्रा को विद्याधर गोल्ड मेडिल प्रदान किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि सैल्युलर ऑपरेटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पंकज मोहेंद्रु थे। उन्होंने अपने दीक्षांत भाषण में कहा कि छात्रों को सफलता के लिए स्वंय को दृढ़ निश्चयी बनाना होगा। मोहेंद्रु ने विभूषित छात्रों को उपभोक्ता संबंध सिद्धान्तों का मंत्र भी बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के डायरेक्टर कॉरपोरेट डा आरपी दुबे और ग्रुप चेयरमेन एवंआईआईएसई के अध्यक्ष अपूर्व वर्मा ने की। समारोह में सीएमडी फिरदौस सिद्दीकी ने 2008 से2009 की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
दीक्षांत समारोह में जिन और मेधावी विद्यार्थियों को पदक से विभूषित किया गया, उनके नाम हैं-विद्याधर स्वर्ण पदक प्रथम श्रेणी पीजीडीएम 2007-09 राजिब लोचोन गोगोई आसाम को बैच के सर्वश्रेष्ठ छात्र का डा गिरीश बिहारी मैमोरियल अवार्ड प्रदान किया गया। बाकी विद्याधर रजत पदक द्वितीय श्रेणी पीजीडीएम आकांक्षा अग्रहरि, विद्याधर कांस्य पदक तृतीय श्रेणी पीजीडीएम सरोज कुमार और फाइनेंस में उच्चतम अंक के लिए चिदानन्द स्वर्ण पदक कुणाल गुप्ता, एचआर में उच्चतम अंक के लिए चिदानंद स्वर्ण पदक रीना प्रसाद और मार्केटिंग में उच्चतम अंक के लिए चिदानन्द स्वर्ण पदक सरोज कुमार को दिया गया।