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नई दिल्ली। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान स्वर्णिम चतुर्भुज एवं उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम मार्ग पर प्रस्तावित अंतरराज्यीय पुलिस चौकी स्थापित करने के लिए राशि का वहन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय करेगा, देश में कुल 177 अंतरराज्यीय पुलिस चौकियां हैं।
एक ट्रक संचालक को माल ढोने की स्वीकृति के लिए विभिन्न एजेंसियों का सामना करना पड़ता है, विभिन्न स्थानों पर स्थित पुलिस चौकियों पर संबंधित एजेंसियां जांच करती हैं, जिसकी वजह से गाड़ियों की धीमी गति, समय की बर्बादी, ईंधन की ज्यादा खपत और गाड़ियों की परिवहन क्षमता से कम का इस्तेमाल तथा संचालकता भी प्रभावित होती है। आयात के जरिए होने वाली माल ढुलाई की तुलना में अंतर्देशीय परिवहन पर इसका आर्थिक बोझ भी पड़ता है, जो सुचारू माल ढुलाई और यात्रियों के आवागमन में सहायक सिद्ध नहीं होता, इस कारण भारत में एकल आम बाजार का निर्माण भी प्रभावित होता है।
राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं स्थानीय स्तर पर ऑनलाइन कम्युनिकेशन के जरिए अंतर्देशीय सड़क ढुलाई एवं यात्री आवागमन के साथ टैग प्रशासन के एकीकरण के जरिए राज्यों की सीमा पर यातायात सुगम हो सकेगा, इससे लेन-देन में भी कमी आएगी साथ ही माल तथा यात्री गाड़ियों के बढ़ते प्रवाह से होने वाले खर्च को भी कम किया जा सकेगा। वाहन और सारथी दो ऐसे मंच हैं, जिनका उपयोग राष्ट्रीय परमिट योजना के लिए किया जा रहा है और इसका प्रयोग एकल स्थान पर माल ढुलाई के लिए ग्रीन चैनल के कार्यान्वयन में किया जा सकता है, जो कुल माल का बहुत बड़ा भाग होता है और माल का आकार बढ़ने के साथ यह भी बढ़ सकता है।
माल की जांच और कर से संबंध रखने वाले सभी अधिकारियों को एकीकृत कर मूल पुलिस चौकी और सीमा पर स्थित चौकियों पर अधिकृत शुल्क की सुविधा के लिए एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। आंध्रप्रदेश सरकार का दृष्टिकोण और गुजरात सरकार का गुजरात में किए गए स्वचालन और कम्प्यूट्रीकरण प्रणाली की वजह से गाड़ियों की शत-प्रतिशत जांच हो पा रही है और इस कारण राजस्व में चार गुना से ज्यादा की प्राप्ति हुई।