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पोलियो मुक्त भारत की दुनिया में सराहना

प्रधानमंत्री ने किया पोलियो सम्‍मेलन का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह/prime minister manmohan singh

नई दिल्ली। गत एक वर्ष के दौरान भारत में एक भी पोलियो के मामले को नहीं पाए जाने की उपलब्धि को देखते हुए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने भारत को पोलियो से प्रभावित देशों की श्रेणी से हटा दिया है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने यह जानकारी नई दिल्‍ली में आयोजित दो दिवसीय पोलियो सम्‍मेलन 2012 के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उपस्थिति में दी। पोलियो सम्‍मेलन का आयोजन संयुक्‍त रूप से केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय और रोटरी इंटरनेशनल ने किया। सम्‍मेलन में पाकिस्‍तान के इंटर प्रोविंशियल कोऑर्डिनेशन के फेडरल मंत्री मीर हजार खान, नेपाल के स्‍वास्‍थ्‍य एवं जनसंख्‍या मंत्री राजेंद्र महतो, श्रीलंका के उपस्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ललित दिसानायका, भारत के केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री सुदीप बंधोपाध्‍याय और एस गांधीसेल्‍वन, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण सचिव पीके प्रधान, रोटरी इंटरनेशनल के अध्‍यक्ष कल्‍याण बनर्जी और रोटरी फाउंडेशन के अध्‍यक्ष विलियम बॉयड के अलावा भारत को पोलियो मुक्‍त बनाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जताने के उद्देश्य से इस सम्‍मेलन में विकासशील देशों से आए विषय के जानकार भी मौजूद थे।
इस अवसर पर संपूर्ण टीकाकरण को प्राप्‍त करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हमें यह अवश्‍य सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत का प्रत्‍येक बच्‍चा चाहे वह धनी हो या निर्धन, चाहे लद्दाख में रह रहा हो या दिल्‍ली में सभी को समान रूप से उत्‍कृष्‍ट टीकाकरण का लाभ पहुंचना चाहिए। इस महत्‍वाकांक्षी कार्य के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकारों, अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों एवं समूहों, जिसमें रोटरी इंटरनेशनल, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन और यूनिसेफ एवं 23 लाख स्‍वयंसेवकों और पर्यवेक्षकों के साथ भारत सरकार के निकटतम सहयोग और समन्वित प्रयास के जरिए देश को पोलियो के दुष्‍प्रभाव से मुक्ति मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संतोष की बात है कि एक वर्ष के दौरान देश के किसी प्रांत से पोलियो का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया, यह हमें आशान्वित करता है कि हम पोलियो को केवल भारत से ही नहीं, बल्कि पूरे भूमंडल से मिटा सकते हैं, इसकी सफलता एकजुट प्रयास को प्रदर्शित करती है। मनमोहन सिंह ने सुरक्षित टीकाकरण की वैश्विक पहुंच के अलावा पौष्टिक भोजन, शुद्ध पेयजल, उचित साफ-सफाई और शिक्षा पर भी जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि हमें सभी लोगों को सस्‍ती दर पर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए अपने प्रयासों को और तेज करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में चिकित्‍सा सुविधाओं की बढ़ती लागत एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण चुनौती है, इसलिए हम निर्धन लोगों की चिकित्‍सीय देख-रेख के संदर्भ में उनकी सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्‍यान दे रहे हैं। वर्ष 2006-07 में स्‍वास्‍थ्‍य पर चिकित्‍सीय व्‍यय जो सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) से एक प्रतिशत से भी कम था, उसके 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक 1.4 प्रतिशत तक होने का अनुमान है, लेकिन यदि हम स्‍वास्‍थ्‍य पर सार्वजनिक व्‍यय को जीडीपी का कम से कम 2.5 प्रतिशत तक करने के लक्ष्‍य को हासिल करना चाहते हैं तो हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा मेहनत करने की जरूरत होगी। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शिक्षा एवं स्‍वास्‍थ्‍य हमारी प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी।
पोलियो के खिलाफ भारत के अभियान के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पूरे एक वर्ष के दौरान कोई भी पोलियो का मामला नहीं पाए जाने की उपलब्धि की प्रशंसा विश्‍व में चारों तरफ हो रही है, जोकि उच्‍च स्‍तर पर ठोस राजनीतिक इच्‍छा का परिचायक है, जिसमें यह सुनिश्चित होता है कि पोलियो उन्मूलन के इस प्रयास में धन की कोई कमी नहीं है, पोलियो उन्मूलन पर कुल वैश्विक व्‍यय का 27 प्रतिशत भारत के घरेलू संसाधनों से पूरा किया गया है, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे पोलियो प्रभावित राज्‍यों में 99 प्रतिशत से अधिक बच्‍चों को इस अभियान के दायरे में लाना एक अनोखी बात है, जो इतने बड़े स्‍तर पर विश्‍व के अन्‍य भागों में देखने को नहीं मिला। पोलियो के विषाणु के खिलाफ इतने बड़े स्‍तर पर चलाए गए अभियान की वजह से इस विषाणु को फैलने से रोकने में मदद मिली है, हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि हम उन खतरों से भी वाकिफ हैं, जो न केवल घरेलू संचरण से, बल्कि अन्‍य प्रभावित देशों से आने वाले संचरण से भी संबंधित है।
गुलाम नबी आजाद ने दोहराया कि हर संभव प्रयास होगा कि पोलियो का कोई नया मामला न हो, यदि ऐसा कोई भी मामला आता है तो उसे जन स्‍वास्‍थ्‍य आपात की स्थिति समझा जाएगा। पड़ोसी देशों से लगे सभी राज्‍यों को सावधान किया गया है कि बाहर से आए किसी भी पोलियो विषाणु का पहले ही पता चल जाए, इसके लिए वे कड़ी निगरानी रखें। स्वास्‍थ्य मंत्री ने बताया कि सीमा से लगे क्षेत्रों जैसे वाघा बॉर्डर, पंजाब के अटारी रेलवे स्‍टेशन, राजस्‍थान के मुनाबो रेलवे स्‍टेशन पर विशेष बूथ स्‍थापित किए गए हैं, ताकि सीमा पार क्षेत्रों से आने वाले पांच वर्ष से कम आयु के सभी बच्‍चों को पोलियो की खुराक दी जा सके। भारत का पोलियो कार्यक्रम ठोस एवं प्रभावी भागीदारी का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है, यह कहते हुए गुलाम नबी आजाद ने आह्वान किया कि हमें समर्पित होकर अपने प्रयास को जारी रखना होगा ताकि भारत को वर्ष 2014 में पोलियो मुक्‍त घोषित होने में सफलता मिले।

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