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धारचूला। अस्कोट अभ्यारण्य तथा यारसा गुंबा का मामला आंदोलन के जरिये सड़क पर तय होगा, यह आंदोलन इन दोनों मामालों में वर्षों से वंचित जनता को उसका हक दिलवाएगा। धारचूला तहसील के गांव गलाती में आयोजित किसान पंचायत ने किसान महासभा ने आंदोलन के लिए धारचूला की जनता का आह्वान किया। पंचायत का कहना है कि विधानसभा तथा संसद में बैठे प्रतिनिधि इन दोनों मामलों पर आम जनता को गुमराह करते रहे हैं, अब जनता आंदोलन के जरिये उत्तराखंड में कृषि तथा पशुपालन को आजीविका का मुख्य स्रोत घोषित करने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।
किसान पंचायत में बतौर मुख्य वक्ता किसान महासभा के प्रदेश सचिव जगत मर्तोलिया ने कहा कि अस्कोट कस्तूरा मृग अभ्यारण्य 26 वर्षों से जनता को खून के आंसू रूला रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस, उक्रांद तथा बसपा के नेता अभ्यारण्य का मामला सुप्रीम कोर्ट में तय किये जाने की बात कह कर जनता को बर्गला चुके हैं, किसान महासभा अभ्यारण्य में आबादी क्षेत्र को मुक्त करने, हक-हकूकों की बहाली करने, यारसा गुंबा को कानूनी हक देने की लड़ाई अब सड़क पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि आज भी सीमांत क्षेत्र के इलाकों के स्कूलों में शिक्षक तथा अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, आधी आबादी सड़क के अभाव में पैदल चलने को मजबूर है।
उन्होंने कहा कि सीमांत की जनता के मौलिक हकों के बहाली के लिए भी किसान महासभा अपने सतत संघर्ष को जारी रखेगी। किसान पंचायत की अध्यक्षता महासभा के ब्लाक अध्यक्ष उमेद नेगी ने की। इस मौके पर गलाती तथा रमतोली से पहुंचे किसानों ने हाईस्कूल, जूनियर हाईस्कल तथा प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती करने, मोटर मार्ग का निर्माण करने, बिजली की लाईनों को दुरस्त करते हुए बिजली की सुविधा देने, ग्राम गलाती तथा रमतोली में पैदल पुलों का निर्माण करने तथा बंदरों तथा सुअरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग पर आंदोलन चलाने का प्रस्ताव पारित किया।
इस मौके पर राम सिंह गण्डी को महासभा का संयोजक बनाया गया। भीम सिंह दानू, त्रिलोक सिंह दानू, धर्म सिंह गण्डी, हीरा सिंह कुंवर, मोहन लाल टम्टा, धर्म सिंह दानू, भीम राम टम्टा को संयोजक मंडल का सदस्य बनाया गया। तय किया गया कि गलाती तथा रमतोली ग्राम में तीन हजार किसान सभा के सदस्य बनाये जाएंगे। इस मौके पर एक्टू की जिला कमेटी की सदस्य नंदा गण्डी, देव सिंह बिष्ट, लक्ष्मण सिंह महर, नरेंद्र कुमार, आन सिंह नेगी, मानमती देवी, वसंती, जय सिंह ने विचार व्यक्त किए।