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भारत-अफ्रीका के प्रौद्योगिकी मंत्रियों का सम्‍मेलन

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विलासराव देशमुख , अश्विनी कुमार एवं अन्य/vilasrao deshmukh, ashwani kumar and others

नई दिल्ली। भारत और अफ्रीका के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों के दो दिवसीय सम्‍मेलन की समाप्ति पर एक संयुक्‍त घोषणापत्र जारी होने के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों का सम्‍मेलन समाप्‍त हुआ। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख और राज्‍यमंत्री डॉक्‍टर अश्विनी कुमार ने सम्‍मेलन को एक ऐतिहासिक सफलता बताया।
संयुक्‍त घोषणापत्र का मुख्‍य महत्व भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्‍मेलनों में की गई बैठकों के माध्‍यम से दोनों देशों और सरकारों के प्रमुखों की प्रतिबद्धताओं से मार्गनिर्देश प्राप्‍त करना है, जिसने भारत अफ्रीका रणनीतिक साझेदारी की आधारशिला रखी है। भारत और अफ्रीका अपने आत्‍मनिर्णय के माध्‍यम से आजादी के संघर्ष में भाई-चारा पूर्वक हिस्‍सेदार रहे हैं, इस बात की चर्चा की गई, इस बात की पुष्टि भी की गई कि दोनो की साझेदारी समानता, परस्‍पर आदर, परस्‍पर लाभ और जनता के बीच ऐतिहासिक समझदारी के मौलिक सिद्धांतों पर आधारित है, इस बात पर जोर दिया कि किसी राष्‍ट्र के सामाजिक विकास और आर्थिक सुधार के लिए वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय खोज एक प्रभावकारी उत्‍प्रेरक की तरह है, इस बात की चर्चा की गई कि वैज्ञानिक और अभियंत्रण प्रतिभाओं के प्रशिक्षण के लिए अनुसंधान और खोज संबंधित कार्यों के लिए वित्तपोषण करने, वैज्ञानिक जानकारी के लिए वाणिज्‍यीकरण से संबंधित रणनीतियों, शिक्षाजगत और उद्योग जगत के बीच हिस्‍सेदारी कायम करने की जरूरत है।
सम्‍मेलन में इस बात का महत्‍व दिया गया कि हमारा दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग अफ्रीकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समन्वित कार्ययोजना और भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति के कार्यक्रमों के अनुसार होना चाहिए, ताकि हमारे साझा हितों और परस्‍पर लाभों को प्राथमिकता दी जा सके और समस्‍याओं का समाधान हो सके, इस बात से अवगत किया गया कि किफायती स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं, जल प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य प्रसंस्‍करण प्रौद्योगिकी सहित कृषि विज्ञान, अक्षय ऊर्जा और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों की सांझा सामाजिक जरूरतों की पूर्ति के लिए हमारे बीच वैज्ञानिक सहयोग की जरूरत है। अफ्रीका और भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी प्रभारी मंत्री इस बात के प्रति पूर्णत: सहमत हुए हैं कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अभिनव क्षेत्र में दोनों बीच सहयोग कायम होना चाहिए।

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