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हैदराबाद। भारतीय विमानन 2012 प्रदर्शनी 14 से 18 मार्च तक आयोजित की जा रही है, इसमें भारत को विमानन के क्षेत्र में उभरते हुए केंद्र के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय विमानन विषय पर 2008 और 2010 में आयोजित पहली दो प्रदर्शनियां बहुत सफल रहीं और इस वर्ष भी इसने विश्व के अनेक देशों से अत्यधिक रूचि प्राप्त की है। नागर विमानन पर इस प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन में भारतीय विमानन क्षेत्र में विकास के अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा और हितधारकों के साथ विचारों का आदान-प्रदान होगा। इस वर्ष के समारोह का विषय है- भारत विमानन का उभरता केंद्र। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताएं हैं-भारतीय विमानन 2012 में बोइंग-787 (ड्रीमलाइनर) का सर्वप्रथम प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केंद्र है। पिआगिओ ऐरो भी इस प्रदर्शनी का भाग होगा और वह विमानों और आतिथ्य बंगले के साथ इसमें भाग लेगा। रूस का सुप्रसिद्ध ऐरोस्पेस संगठन इरकुट पहली बार इस प्रदर्शनी में भाग ले रहा है। प्रमुख व्यापारिक और वाणिज्यिक विमान निर्माता भी इस प्रदर्शनी में भाग लेंगे। इनमें एयरबस, बोइंग, बमबार्डियर, डसौट, एम्ब्रियर, गल्फस्ट्रीम, हॉकर बीचक्राफ्ट, पिएगिओ एरो, यूएसी-सूखोई, इरकुट-बिरीव आदि हैं। इस प्रदर्शनी में मुख्य हेलिकॉप्टर निर्माता जैसे ऑगुस्ता वेस्टलैंड, बेल-टेक्सट्रोन समूह, यूरो कॉप्टर-ईएडीएस और यूटीसी शिकोरस्की भी भाग लेंगे।
भारत में नागर विमानन पर सबसे बड़ी यह प्रदर्शनी छह हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें 18 आतिथ्य बंगलों के अलावा लगभग 25 विमान प्रदर्शित किये जाएंगे। भारत में नागर विमानन की शताब्दी के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट भी जारी किया गया। विमानन उद्योग की चुनौतियों पर विचार करने के लिए इस अवसर पर एक सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विमानन व्यापार के प्रमुख एयरलाइंस, एयरपोर्ट संचालक और नियामक, विमान नौ-संचालन सेवा प्रदाता, विमान उपकरण निर्माता, प्रौद्योगिकी प्रदाता, परामर्शदाता और उभ्यपक्षीय एवं बहुपक्षीय एजेंसियां आदि सक्रिय रूप से भाग लेंगी। यह सम्मेलन अनेक मामलों जैसे सफल और टिकाऊ भविष्य का निर्माण, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा चुनौतियों के समाधान में सहायक होगा।
प्रदर्शनी में विभिन्न देशों जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, अमरीका, रूस, बेल्जियम, न्यूजीलैंड, कनाडा और कई अन्य देशों के अलावा प्रमुख व्यापारिक और व्यवसायिक विमान निर्माताओं ने अपने मंडप लगाए हैं। प्रदर्शनी में 25 विमान उड़ान प्रदर्शन आदि के लिए भाग लेंगे। भारत विमानन प्रदर्शनी 2012 भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग के भारतीय मंडल परिसंघ (फिक्की) संयुक्त रूप से हर दो साल में आयोजित करते हैं। वर्ष 2008 में पहली बार शुरू की गई यह प्रदर्शनी तेजी से बढ़ते हुए भारत विमानन बाजार के विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिए इस क्षेत्र में विश्व के जाने-माने उद्योगपतियों के लिए सबसे बड़े मंच के रूप में उभरी है और यह भारत के इस क्षेत्र के लोगों को विश्व के अपने समकक्ष लोगों के साथ विचारों के आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी।
प्रदर्शनी में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री चौधरी अजीत सिंह के अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एस जयपाल रेड्डी, केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक प्रतिष्ठान मंत्री प्रफुल्ल पटेल, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव डॉ नसीम ज़ैदी, फिक्की अध्यक्ष आरवी कानोरिया और फिक्की नागर विमानन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश केसकर भाग रहे हैं।