स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन और संस्कृति मंत्री कुमारी सैलजा ने मंगलवार लोकसभा में बताया कि विज्ञान केंद्रों की स्थापना एक सतत् प्रक्रिया है। राज्य सरकारों की समय-समय पर प्रस्तुत परियोजनाओं के आधार पर विज्ञान केंद्र परियोजना की स्थापना से संबंधित प्रस्तावों पर विचार किया जाता है और उनका अनुमोदन किया जाता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान केंद्रों का मुख्य कार्य लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रकृति के विकास को ध्यान में रखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास और उद्योग और मानव कल्याण में उनके प्रयोजन को चित्रित करना है। संस्कृति मंत्री ने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में भारत सरकार और संबंधित राज्यों में विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त और कार्यान्वयन एजेंसी-राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद को 47 करोड़ रुपये की कुल राशि आवंटित की गई है, जिसमें से 32 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत क्षेत्रीय और उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्रों, संबद्ध राज्यों सरकार के अधीन कार्यरत क्षेत्रीय और उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।