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नई दिल्ली। चार और राज्यों झारखंड, मिजोरम, सिक्किम एवं लक्षद्वीप ने राज्यों और केंद्रशासित राज्यों के लिए भारतीय सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण परियोजना (आईएसएसपी) के अंतर्गत, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं। इन समझौता ज्ञापनों पर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री श्रीकांत कुमार जेना की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये गए। इस अवसर पर जेना ने कहा कि आईएसएसपी, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक बहुत महत्वपूर्ण और विस्तृत परियोजना है, जिसकी अनुमोदित लागत लगभग 650 करोड़ रूपये है, इसमें से 80 प्रतिशत राशि विश्व बैंक ऋण के रूप में जुटाई गई है और 20 प्रतिशत राशि भारत सरकार वहन कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राज्यों की सांख्यिकीय क्षमता और अवसंरचना में सुधार लाने के लिए पर्याप्त तकनीकी एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर राज्य सांख्यिकीय प्रणालियों को मजबूत बनाना है, विशेष रूप से राज्य और उपराज्य स्तरों पर नीति की योजना बनाने, कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने और लागू करने, निगरानी करने और मूल्यांकन करने के लिए आंकड़ों की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विश्वसनीय सरकारी आंकड़ों का कुशलतापूर्वक और प्रभावी रूप से एकत्र करना, संकलित करना और प्रचार करना आवश्यक है।
जेना ने कहा कि आईएसएसपी का मूल उद्देश्य राज्यों ओर केंद्र शासित राज्यों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सहायता प्रदान करना है, जो हैं-सांख्यिकीय गतिविधियों के प्रबंधन एवं समन्वय में सुधार लाना, सांख्यिकीय कौशल एवं क्षमता (मानव संसाधन विकास) विकसित करना, सिविल कार्यों और आईसीटी सुविधाओं सहित वस्तुगत एवं सांख्यिकीय अवसंरचना का विकास करना, सर्वेक्षण एवं अध्ययनों का आयोजन करना, विशेष रूप से पहचान की गई 20 प्रमुख सांख्यिकीय गतिविधियों के लिए सांख्यिकीय परिचालनों में सुधार लाना। उन्होंने कहा कि आईएसएसपी राज्य-निर्दिष्ट परिदृश्यों और विषमताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य, केंद्रशासित राज्यों को दिये गए अपने आवरण, जटिलता, तकनीकी मजबूती और लचीलेपन के रूप में भारत में शुरू की गई अपने किस्म की पहली परियोजना है। इस योजना के महत्व को ध्यान में रखते हुए योजना आयोग ने वर्ष 2012-13 के लिए 200 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी प्रदान की है।