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केंद्रीय पुलिस जवानों के लिए 4 हजार आवास

जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए बजट में कई उपाय

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नई दिल्ली। केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों के लिए चार हजार आवासों का निर्माण किया जायेगा। केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल के लिए चार हजार रिहायशी आवासों का निर्माण किया जाना है, इसके लिए हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2012-13 में 1185 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस परियोजना में देशभर में 228 स्‍थानों की पहचान की गई है, जहां इन आवासों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्‍ध है। इन स्‍थानों को 39 कलस्‍टरों के समूह में रखा गया है, जो आगे चार के बड़े समूहों में समाहित किया जाएगा। लगभग 57787 आवासों एवं 348 बैरकों का निर्माण प्रस्‍तावित है। पूर्व में 64643 आवासों एवं 536 बैरकों का निर्माण 262 स्‍थानों में पांच बड़े समूहों में प्रस्‍तावित था, शेष 6856 आवासों एवं 188 बैरकों का निर्माण सीएपीएफ के निर्माण कार्य के तहत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, लोक निर्माण कार्यालय के जरिए किये जाना है।
गृह मंत्रालय सीएपीएफ के लिए पर्याप्‍त आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कदम उठा रहा है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान योजना आयोग ने आवासीय इमारत योजना के तहत ऐसे आवासों के लिए 2500 करोड़ रुपये के आवंटन की स्‍वीकृति दी थी। प्रथम चार वर्षों के दौरान वार्षिक योजना 2007-08, 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 के लिए बजट अनुमान क्रमश: 150 करोड़ रुपये, 250 करोड़ रुपये, 270 करोड़ रुपये एवं 297.40 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2011-12 में इस योजना के लिए कुल बजट अनुमान 487.90 करोड़ रुपये था जो संशोधित अनुमान पर यह बढ़कर 719.29 करोड़ रुपये हो गया।
लोकसभा में प्रस्‍तुत केंद्रीय बजट 2012-13 में केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 27,000 जवानों के लिए भूमि अधिग्रहण सहित कार्यालयों एवं बैरकों के निर्माण के लिए 3,280 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है। सीएपीएफ जवानों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्‍ध कराने से उनके मनोबल पर अच्‍छा प्रभाव पड़ेगा, विशेषकर इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कि इस बल के जवान दूर-दराज के क्षेत्रों में काफी लंबे समय तक कार्य करते हैं, जिसके कारण हाल के वर्षों में इन जवानों के परिवार के लिए आवासीय सुविधाओं की मांग में वृद्धि हुई है।
राष्‍ट्रीय सुरक्षा प्रणाली सुधार पर मंत्रिमंडलीय समूह ने उनके संतोष स्‍तर को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। सीएपीएफ जवानों के आवासीय कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री ने 2009-10 के अपने बजट भाषण में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तर्ज पर एक लाख ऐसे आवासों के निर्माण की घोषणा की थी। इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने इस परियोजना की व्‍यवहारिकता के मूल्‍यांकन के लिए मैसर्स सीआरआईएसआईएल की नियुक्ति एक परामर्शी कंपनी के रूप में की। मैसर्स सीआरआईएसआईएल ने सीएपीएफ जवानों के इस बृहत आवासीय योजना की व्‍यवहारिकता का अध्‍ययन कर इसकी रिपोर्ट दिसंबर 2009 में सौंप दी। परिणामस्‍वरूप गृह मंत्रालय की ओर से वित्त मंत्रालय ने खुली पारदर्शी बीडिंग प्रक्रिया के जरिए इस योजना के वित्तीय लेन-देन की परामर्शी कंपनी के रूप में मैसर्स प्राइसवाटरहाउस कूपर की नियुक्ति की।

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