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अटल के नाम पर टंडन के काम पर अमित पुरी की आस

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अमित पुरी-amit puri

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुछ सीटों के उपचुनाव में लखनऊ की लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा के पितामह अटल बिहारी वाजपेई, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और लखनऊ से पहली बार सांसद बने इस क्षेत्र के विधायक लालजी टंडन सहित भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा दांव पर आ गई है। इन सबके लिए भाजपा के प्रत्याशी अमित पुरी को जिताकर ले जाना लाजिम हो गया है चाहे अमित पुरी की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा के भीतर कितना ही घमासान क्यों न मच रहा हो। लालजी टंडन इस सीट को अपने बेटे गोपाल टंडन के लिए मांग रहे थे लेकिन भाजपा ने उनकी नही सुनी और विरोध के बावजूद अमित पुरी को चुनाव में उतार दिया है। इसलिए अमित पुरी के सामने भीतर और बाहर दोनो जगह घमासान है।
लखनऊ के महिला पीजी कॉलेज में सांख्यिकी विभाग के हेड अमित पुरी की राजनीतिक पृष्ठभूमि कोई नही है। उनके पिता आईएएस अधिकारी रहे हैं और अमित पुरी ने भाजपा से जुड़कर अपनी खुद ही राजनीतिक जमीन तैयार की है। वे लखनऊ की राजनीति में चर्चा में खूब रहे हैं। उन्हें तब और ज्यादा प्रसिद्धि मिली जब उन्होंने लखनऊ में अमीनाबाद के झंडेवाला पार्क में एक राजनीतिक भू-माफिया के अत्याचारों के खिलाफ बड़ी लड़ाई जीती जिसमें इस पार्क की ऐतिहासिकता को ध्वस्त करने वाले लखनऊ के पूर्व मेयर और आज के बसपा नेता अखिलेश दास को मुंह की खानी पड़ी। लखनऊ के सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भाजपा के इस नवोदित कार्यकर्ता अमित पुरी के संघर्ष के कायल हो गए और उन्होंने हमेशा अमित पुरी की तारीफ की। यूं तो इस संघर्ष में भाजपा के और लोग भी शामिल थे लेकिन अमित पुरी की सक्रियता ज्यादा ही थी। ऐसा भी दौर आया जब अमित पुरी को भाजपा से अलग होकर लखनऊ ईस्ट से 2002 में निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा। अमित पुरी का यह कदम भाजपा में किसी को अच्छा नही लगा इसलिए काफी समय तक वह राजनीति से अलग-थलग रहे और अंतत: भाजपा की शरण मे ही उन्हे राजनीतिक उत्तरदान मिला जिसकी परिणति आज उनके लखनऊ पश्चिम से भाजपा के प्रत्याशी बनाए जाने के रूप मे हुई।
अमित पुरी को इस उपचुनाव में लालजी टंडन सहित भाजपा के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं का विश्‍वास अर्जित करना होगा क्योंकि यह चुनाव उनके लिए उतना आसान नही है जितना कि वे समझ रहे हैं। भाजपा में कुछ लोग आज भी उनके भाजपा से अलग होने की कहानी खोल रहे हैं और यह भी मुद्दा उछल रहा है कि यदि चौक से ही कोई प्रत्याशी बनाया जाता तो ज्यादा अच्छा होता। हालाकि अब इस बात का कोई महत्व नही रह गया है लेकिन इस प्रकार के मुद्दों से बचकर निकलना भी अमित पुरी के लिए बहुत जरूरी माना जा रहा है। कहने वाले कह रहे हैं कि उनके चुनाव में भाजपा के कई नेताओं के मुंह में छछूंदर जैसी स्थिति भी है। अमित पुरी ने जिस वक्त अपना नामांकन दाखिल किया उस समय भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता मौजूद थे। उनकी मौजूदगी का मुख्य कारण यही था कि वे यह संदेश्‍ा देना चाहते थे कि सभी पार्टीजन सारे मतभेद भुलाकर अमित पुरी को लखनऊ पश्चिम से जिताएं क्योंकि इस चुनाव से भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा और खासतौर से अटल बिहारी वाजपेई का मान-सम्मान जुड़ गया है।
भाजपा में इस समय नई पीढ़ी को राजनीतिक अवसर देने के प्रश्‍न पर काफी बहस चल रही है और भाजपा नेतृत्व इस पर काफी गंभीर भी दिखाई देता है। इस मायने में उनकी उम्मीदवारी की पात्रता सिद्ध तो होती है। अमित पुरी के पक्ष में यह बात जाती है इसलिए इस दृष्टिकोण से भी अमित पुरी का प्रयोग लखनऊ पश्चिम में काफी मायने रखता है। जहां तक इनकी सामान्य ख्याति का प्रश्‍न है तो उस पर भी कोई विवाद नही है। अमित पुरी के चुनाव प्रचार की रणनीति में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के विकास कार्यों और उनकी प्रतिष्ठा का सर्वाधिक बखान शामिल है। उनका जनसंपर्क सतही स्तर पर शुरू हो चुका है।

लखनऊ पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी अमित पुरी ने कपूरथला चुनाव कार्यालय पर लोधी समाज एवं वाल्मीकि समाज की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के शासनकाल में सभी वर्गो के लिये उनके नेताओं ने अनेक कार्य किए हैं। लखनऊ पश्चिम उपचुनाव में जनता अटलजी के नाम और टंडनजी के काम पर उन्हें अपना मत देकर विजयश्री दिलायेगी। लखनऊ से अटलजी का अटूट रिश्ता है। भाजपा प्रत्याशी अमित पुरी ने कहा कि अनेक अवसरों पर उन्होंने लखनऊ के नाम को प्रसिद्ध किया है। अनेक सभाओं में उन्होंने कहा है कि 'लखनऊ हम पर फिदा, हम फिदा-ए-लखनऊ, आसमान की क्या है ताकत, जो छुड़ाए लखनऊ'। इसलिए पूर्ण विश्वास है कि नगर विकास मंत्री रहते माननीय टंडनजी और भाजपा के विधायकों, महापौर और पार्षदों के कराए गये विकास कार्य मुझे जितायेंगे।

लोधी समाज के श्रीकृष्ण लोधी व वाल्मीकि समाज के रामसिंह वाल्मीकि ने समाज के लोगों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। पूर्व पार्षद दल के नेता रामकुमार अग्रवाल के चौपटियां निवास पर भी एक बैठक हुई जिसमें रमेश कपूर बाबा, साधना वर्मा के अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों ने भाजपा प्रत्याशी अमित पुरी को भारी मतों से जिताने के लिये वार्ड में जनसंपर्क करने का निर्णय लिया। लाला लाजपत राय वार्ड में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अंजूराम चंदानी, राघवराम तिवारी, नीलम, सुनीता, संजय ने भाजपा प्रत्याशी अमित पुरी को विजयी बनाने के लिए घर-घर जाकर पत्रक बांटते हुए जनसंपर्क किया।

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