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नई दिल्ली। गृह मामलों के राज्य मंत्री मुल्लपल्ली रामचंद्रन ने मंगलवार लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार 2010 के अंत में 3,20,450 की उपलब्धता क्षमता के मुकाबले जेलों में कुल 3,68,998 अपराधी थे। जेलों की स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने 2002-2003 में जेलों के आधुनिकीकरण के वास्ते 1800 करोड़ रूपए की एक योजना बनाई थी। इस योजना के खर्च को 75:25 के अनुपात में क्रमश: केंद्र और राज्य सरकार वहन करेगी। इस योजना में अतिरिक्त जेलों के निर्माण, मौजूदा जेलों की मरम्मत, स्वच्छता और पेयजल में सुधार एवं जेल कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण करना शामिल था। यह योजना 31 मार्च 2009 को समाप्त हो गई। जेलों के आधुनिकीकरण योजना के तहत 2009-10 से 2011-12 के बीच कोई सहायता प्रदान नहीं की गई है। इस योजना के तहत अधिक निधि प्रदान करने के लिए दूसरे चरण का प्रस्ताव इस मंत्रालय के विचाराधीन है। इक्तीस मार्च 2009 को इस योजना के समाप्त होने के बाद गुजरात सरकार के प्रस्ताव को 21 अप्रैल 2010 को योजना आयोग के पास भेजा गया था। इस प्रस्ताव में गुजरात सरकार कर चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराने का अनुरोध किया गया था।