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नई दिल्ली। त्वरित विकास के लिए योजना आयोग द्वारा चयनित 78 जनजातीय और पिछड़े जिलों में समेकित कार्य योजना (आईएपी) का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य 78 प्रभावित, निकटवर्ती जिलों में सार्वजनिक अवसंरचना मुहैया कराना है। वित्त वर्ष 2010-2011 और 2011-12 के दौरान 60 जिलों को मूल रुप से क्रमशः 25 करोड़ रुपए और 30 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी। अब इस योजना का विस्तार एलडब्ल्यूई प्रभावित 18 जिलों में और किया गया है जिससे कुल जिलों की संख्या 78 हो गई है। आईएपी के क्रियान्वयन के संबंध में, योजना के दिशा निर्देश के अनुसार-‘जिला कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक समिति जिसमें जिला पुलिस अधीक्षक और जिला वन अधिकारी भी शामिल हो, इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार है। जिला स्तरीय समिति आकलित ज़रूरतों के आधार पर विकास के लिए राशि का व्यय कर सकती है। आईएपी के तहत संचालित की जाने वाली योजनाओं के संबंध में स्थानीय सांसदों के साथ उपयुक्त रुप से विमर्श किया जाना चाहिए।’ गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।