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लखनऊ। विश्व विकलांग दिवस पर पैग़ाम फाउंडेशन की ओर से विकलांगों एवं नेत्रहीनों की समस्याओं पर एक परिचर्चा का आयोजन पुराना किला, उर्दू हेल्पलाइन के दफ्तर में किया गया, जिसकी अध्यक्षता जावेद जहूर एव संचालन मोहम्मद ग़रीब खान ने किया। पैग़ाम फाउंडेशन के संचालक तैमूर आलम कादरी ने विकलांगों एवं नेत्रहीनों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विकलांगों एवं नेत्रहीन व्यक्तियों को निराश होने की जरूरत नहीं है, वे भी दूसरों की तरह अपनी जिंदगी खुशहाली और सम्मान के साथ गुजार सकते हैं, उन्हें भी जीने का हक है, आज विकलांग एवं नेत्रहीन लोग समाज के हर क्षेत्र में अपना योगदान देकर यह साबित कर चुके हैं, कि वे किसी से कम नहीं हैं।
तैमूर आलम कादरी ने सामाजिक एवं राजनैतिक संगठनों से अपील की है कि वे विकलांगों एवं नेत्रहीन व्यक्तियों की सहायता के लिए आगे बढ़े, ताकि उन लोगों में जीवन का विश्वास बना रहे। जावेद जहूर ने कहा कि हमें ऐसे लोगों का हौसला बढ़ाना चाहिए, हमारे हौसले बढ़ाने मात्र से ही इनका मनोबल मजबूत होगा। गिरीश शर्मा ने शैक्षिक संगठनों से अपील की है कि नेत्रहीन एवं विकलांग बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाए, जिससे वे अपना व्यक्तित्व निखार कर समाज के समाने रख सकें। डॉ शमीम, बनी जायसवाल, मोहम्मद आलम, मोहम्मद बिलाल, कबीर खान, शादाब, ताहिर, इस्माईल, मोहम्मद आज़म, अनुराग, हफिज़ तनवीर, गिरीश शर्मा, अनीस खां वारसी, अनहार अरशू, वाजिद, समीर एवं हस्सान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।