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देहरादून। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने चारधाम यात्रा सीजन और प्रदेश में बिजली की कमी को देखते हुए उत्तराखंड को अतिरिक्त बिजली दिए जाने पर सैद्धांतिक सहमति दी है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बुधवार को श्रम शक्ति भवन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात कर ऊर्जा से संबंधित राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराते हुए आगामी तीन माह के लिए 150 मेगावाट बिजली दिए जाने का अनुरोध किया, इस पर शिंदे ने यथासंभव सहायता दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया।
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने टिहरी बांध परियोजना में 25 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को दिलवाए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य पुनर्गठन एक्ट के अनुसार जिस राज्य में किसी परियोजना का मुख्यालय/संपत्ति होगी उसी राज्य को परियोजना पर स्वामित्व मिलेगा, इसीलिए टिहरी परियोजना में 25 फीसदी हिस्सा जो कि उत्तर प्रदेश को मिल रहा है, उत्तराखंड को हस्तांतरित किए जाने के लिए केंद्र सरकार अपने स्तर पर समुचित कार्यवाही करे। बहुगुणा ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को इस मामले पर एटार्नी जनरल व सालीसिटर जनरल से विधिक राय लेने को कहा। शिंदे ने इस प्रकरण पर आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण व केंद्रीय जल आयोग को तकनीकी और आर्थिक स्वीकृति के लिए 300 मेगावाट की लखवाड़ परियोजना, 660 मेगावाट की किसाऊ परियोजना, 300 मेगावाट की वावला-नंदप्रयाग परियोजना और 100 मेगावाट की नंदप्रयाग-लंगासू परियोजना की डीपीआर भेजी हैं। मुख्यमंत्री ने शिंदे से प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया।
प्रदेश की आर्थिक स्थिति के लिए बिजली उत्पादन की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय उत्तराखंड की पहचान ऊर्जा प्रदेश के रूप में थी, जबकि अब राज्य को अपनी बिजली की जरूरतों के लिए केंद्र व अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय कारकों को ध्यान में रखते हुए बिजली उत्पादन किया जाए तो राज्य न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में बिजली परियोजनाओं के लिए राजनैतिक व आमसहमति बनाकर इस दिशा में आगे बढ़ेगी। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष व विधायक हरक सिंह रावत, मुख्य स्थानिक आयुक्त एसके मुट्टू, विनिवेश आयुक्त जेपी ममगांई, अपर स्थानिक आयुक्त एसडी शर्मा और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।