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लखनऊ। भारत में खेलों के मुख्य प्रायोजक सहारा इंडिया परिवार ने बुधवार को लखनऊ में सहारा शहर में भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को एफआईएच ओलंपिक क्वालिफाइर्स में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया, जिससे लंदन ओलंपिक 2012 में टीम अपना जलवा बरकरार रखने के लिए और अधिक प्रेरित हो। सहारा इंडिया परिवार ने भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को 1.16 करोड़ रूपए का नकद इंसेंटिव देने की घोषणा की थी, इसी क्रम में खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत रॉय सहारा ने अवार्ड एवं गिफ्ट देकर सम्मानित किया। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वह हॉकी को भी ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दे।
अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सरदार सिंह और संदीप सिंह, प्रत्येक को 11 लाख रूपए देकर सम्मानित किया गया, वहीं टीम के प्रत्येक शेष सदस्यों को उनके श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मुख्य कोच के साथ 5 लाख रूपए दिए गए। सपोर्ट स्टॉफ के प्रत्येक सदस्य को भी एक-एक लाख रूपए दिए गए। इसके अतिरिक्त इस नकद अवार्ड पर कर की अदायगी का भार भी सहारा इंडिया ही उठायेगी, कुल मिलाकर सहारा इंडिया ने 1.29 करोड़ रूपए खर्च उठाया है। सहारा इंडिया परिवार, भारतीय पुरूष एवं महिला राष्ट्रीय टीम (सीनियर एवं जूनियर) का वर्ष 2003 से अधिकृत प्रायोजक रहा है। इसने हाल ही में भारतीय हॉकी टीम को अपना सहयोग पुरूष एवं महिला राष्ट्रीय एवं जूनियर हॉकी टीम के लिए 5 वर्षों के लिए पिछले कांटेक्ट पीरियड में 170 प्रतिशत की वृद्धि के साथ फिर से नवीनीकृत किया है।
इस अवसर पर सहाराश्री सुब्रत रॉय सहारा, ने कहा कि हम भारतीय हॉकी टीम के हाल ही में संपन्न एफआईएच ओलंपिक क्वालीफाइर्स में दिखाए गए जोश और प्रतिबद्धता से अत्यन्त उल्लासित हैं, इन खिलाड़ियों ने न केवल हमें, अपितु पूरे देश को गौरवान्वित किया है, हम उनके इस अद्भुत प्रयास की प्रशंसा करते हैं और तिरंगे को ऊँचा रखने के लिए उनका सम्मान करते हुए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, यह सम्मान खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को प्रेरित करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिससे कि वे हमारे प्रिय राष्ट्र के लिए और बड़ी उपलब्धियां और सम्मान बटोर कर ला सकें।
हॉकी इंडिया के सेक्रेटरी जनरल नरेंद्र बत्रा ने कहा कि यह अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है कि सहारा इंडिया परिवार जो कि पुरूष और महिला राष्ट्रीय और जूनियर हॉकी टीम का प्रायोजक है, भारतीय हॉकी टीम के सपोर्ट स्टॉफ के साथ उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मान किया जा रहा है, मुझे विश्वास है कि यह सम्मान खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टॉफ को उत्प्रेरित करेगा कि वह संपूर्ण राष्ट्र की अपेक्षाओं पर खरे उतरें और साथ ही जिस तरह का प्रदर्शन उन्होंने एफआईएच ओलंपिक क्वालीफाइर्स के दौरान किया है, उसी तरह की प्रतिबद्धता के साथ खेलने के लिए तत्पर बने रहें।
ज्ञातव्य है कि सहारा इंडिया परिवार 2003 से ही भारतीय पुरूष व महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम (सीनियर और जूनियर) का अधिकृत प्रायोजक है। भारतीय हॉकी टीम के प्रायोजक होने के अतिरिक्त सहारा इंडिया परिवार ने भारतीय हॉकी टीम को लखनऊ में चैंपियंस ट्राफी 2003 के लिए उनके प्रशिक्षण शिविर हेतु मेजबानी की। सहारा इंडिया ने पूरी भारतीय हॉकी टीम के बोर्डिंग, लॉजिंग, प्रैक्टिस कैंपस और यात्रा का इंतजाम किया था। सहारा इंडिया परिवार ने वर्ष 2004 में फेडरेशन इंटरनेशनल डी हॉकी (एफआईएच), विश्व की हॉकी की एपेक्स बॉडी के साथ हाथ मिलाया और 3 वर्षों तक फेडरेशन का चौथा ग्लोबल पार्टनर बना। सहारा इंडिया परिवार ने पूरी भारतीय हॉकी टीम, जिसमें सभी खिलाड़ी और पदाधिकारी थे, पहली बार एशिया कप 2003 जीतने पर सम्मानित किया। प्रत्येक सदस्य को एक रंगारंग कार्यक्रम में रूपए 1,51,000/-का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
सहारा इंडिया ने भारतीय हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियों, कोच और असिस्टेंट कोच को दो-दो लाख रूपए बतौर सम्मान में दिये, साथ ही प्रत्येक का बीमा भी कराया, जब भारत ने वर्ष 2010 के वर्ल्ड कप मैच में पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित किया था। राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों के वास्तविक हितों के लिए सहारा इंडिया परिवार ने भारतीय हॉकी के खिलाड़ियों को बांटने हेतु एक करोड़ रूपए दिये, जिससे कि वह शांतिपूर्वक और खुशी से देश के लिए वर्ष 2010 में अभ्यास करें और खेल सकें। यह दौर उस समय का था, जब खिलाड़ी वर्ल्ड कप से पूर्व पुणे के शिविर में अपने पारिश्रमिक के लिए जूझ रहे थे।