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देहरादून। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से सोमवार को राज्य अतिथि गृह बीजापुर में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जेसीएस रावत ने भेंट कर उन्हें प्राधिकरण की गतिविधियों की जानकारी दी। रावत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यदि प्राधिकरण की दो बैंच राज्य के अन्य क्षेत्रों में खोल दी जाएं, तो इससे दूरदराज के क्षेत्रों से यहां आने वाले लोगों का समय बचेगा, प्राधिकरण में सदस्यों के पद भी रिक्त हैं, जिन्हें शीघ्र ही भरा जाना होगा। प्रतिउत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस शिकायत प्राधिकरण को और अधिक मजबूत और सशक्त बनाया जायेगा, इसके लिए जो भी जरूरी सुधार किये जाने हैं, उनके प्रस्ताव तैयार किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शीघ्र ही सदस्यों के रिक्त पदों पर भी योग्य एवं अनुभवी लोगों की नियुक्ति करेगी।
इसके बाद मुख्यमंत्री से राज्य निगम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने आशा व्यक्त की बहुगुणा के नेतृत्व में कर्मचारियों के हितों में महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए वचनबद्ध है, राज्य के विकास में सभी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण योगदान है, सरकार कर्मचारियों के लिए हर संभव कदम उठाएगी। विजय बहुगुणा से विधायक सरिता आर्य के नेतृत्व में नैनीताल से आए प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी। उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक जीपी पटेल व ओएनजीसी के प्रतिनिधियों ने भी भेंट कर मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी।
मुख्यमंत्री से कैंट छावनी बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र सेठी के नेतृत्व में प्रेमनगर कैंट एरिया के स्थानीय निवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने प्रेमनगर कैंट एरिया के निवासियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों की पूरी रक्षा करेगी। उन्होंने सहायता एवं पुनर्वास विभाग की भूमि को खाली करने संबंधी आदेश पर यथास्थिति बनाये रखने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आम आदमी के हितों के प्रति गंभीर है, उन्होंने कहा कि इस प्रकरण पर पुनः विचार किया जायेगा। देवेंद्र सेठी ने प्रेमनगर कैंट एरिया के स्थानीय निवासियों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
सेठी ने बताया कि 300 परिवार सहायता एवं पुनर्वास विभाग की भूमि पर रहकर सब्जी व फल विक्रेता का कार्य कई वर्षों से करते आ रहे हैं, किंतु पूर्व की सरकार ने इस भूमि को पशुचिकित्सालय को आवंटित कर दिया है, जिस कारण इस भूमि पर निवास करने वाले लोगों को हटाने के नोटिस दिये गये हैं। कैंट एरिया में पशु पलान, डेयरी आदि प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध है, जिस कारण इस क्षेत्र में पशुचिकित्सालय की स्थापना करने का कोई औचित्य नही है। उन्होंने कहा कि यदि यहां चिकित्सालय बनाया जाता है, तो इससे लगभग 300 परिवार प्रभावित होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस प्रकरण पर कार्यवाही करने का अनुरोध किया।